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सिंचाई विभाग की लापरवाही नैनीझील पर पड़ी भारी, शो पीस बने ऑटोमेटिक निकासी द्वार - Irrigation department's negligence in Nainijheel

सिंचाई विभाग की लापरवाही से सरोवर नगरी नैनीताल को बीते दिनों काफी नुकसान हुआ है. विभाग ने नैनीझील के 5 निकासी (एग्जिट) द्वारों की संख्या को कम करके 2 किया. इसके साथ ही झील में ऑटोमेटिक निकासी द्वार की व्यवस्था की गई, जो आपदा के समय खुल ही नहीं पाये. जिसके कारण झील से पानी ओवर फ्लो होकर शहर में भर गया.

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सिंचाई विभाग की लापरवाही नैनीझील पर पड़ी भारी

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Published : Oct 22, 2021, 7:47 PM IST

Updated : Oct 22, 2021, 11:00 PM IST

नैनीताल:बीते दिनों नैनीताल में हुई बारिश के कारण नैनी झील के जलस्तर ने इतिहास के सारे रिकॉर्ड तोड़ डाले. हालात ये रहे कि नैनी झील से पानी ओवरफ्लो होने लगा. जिससे आसपास के इलाकों के साथ ही कई घरों और दुकानों में पानी घुस गया. जिसके कारण पूरे इलाके में अफरा-तफरी मच गई. इस दौरान नैनीझील के ऑटोमैटिक निकासी द्वार मात्र शोपीस के तौर पर दिखाई दिये. जिसमें सिंचाई विभाग की बड़ी लापरवाही सामने आई है.

बता दें सिंचाई विभाग ने सरोवर नगरी नैनीताल की झील के जल स्तर को नियंत्रित करने व झील के निकासी द्वारों को ऑटोमेटिक संचालित करने के मकसद से अप्रैल 2021 में झील के गेटों को ऑटोमेशन मोड में डाला था, लेकिन सिंचाई विभाग के सभी दावे हवा-हवाई साबित हुए. बीते दिनों हुई बारिश के बाद झील का जलस्तर 12 फीट पहुंच गया. इसके बाद भी गेट ऑटो मोड में संचालित नहीं हुए. जिससे करोड़ों की लागत से बना मोटोमेटिक स्काडा गेट हाथी के दांत बनकर रह गया.

सिंचाई विभाग की लापरवाही नैनीझील पर पड़ी भारी

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इसके साथ ही विभाग ने नैनीझील के निकासी द्वारा की संख्या 5 से घटाकर 2 की. जिसके चलते बीते 2 दिनों से नैनीताल में हो रही मूसलाधार बारीश का पानी निकासी द्वारों के बजाए ओवर फ्लो होकर सड़कों के रास्ते झील से बाहर निकल गया. जिससे दिन भर नैनीताल में जल भराव की स्थिति बनी रही.

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स्थनीय निवासी पूरन मेहरा बताते हैं कि ब्रिटिश शासकों ने नैनीझील से पानी की निकासी के लिए पांच द्वार बनाए थे. जिससे झील पर दबाव न पड़े. आवश्यकता पड़ने पर गेटों को खोला जा सके. मगर सिंचाई विभाग ने इन गेटों की संख्या घटाकर 2 कर दी. जिसके कारण आज झील में पानी की मात्रा बढ़ने स्थिति भयावह हो गई.

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वहीं, इस मामले में सिंचाई विभाग के अधिशासी अभियंता कृष्ण चंद्र चौहान का कहना है कि झील के निकासी द्वार के दो चैनल हैं. जिनसे पानी बाहर निकलता है. चैनल के बाहर पांच गेट हैं. जिससे पानी की निकासी में कोई असर नहीं पड़ता. बीते तीन दिनों में बारिश ज्यादा हुई थी. जिसके कारण झील से पानी ओवर फ्लो हुआ है. हमने सोमवार सुबह 11 बजे से झील के निकासी द्वरा खोल दिए थे ताकि झील पर दबाव न पड़े.

बता दें मूसलाधार बारिश की वजह से नैनी झील का जलस्तर काफी बढ़ गया था. पहली बार नैना देवी मंदिर के प्रांगण में झील का पानी भर गया था. जिसका वीडियो भी सोशल मीडिया में खूब वायरल हुआ. बारिश से नैनी झील का जलस्तर इतना बढ़ गया कि पानी ओवर फ्लो हो गया. जिससे शहह भर में जलभराव हो गया

Last Updated : Oct 22, 2021, 11:00 PM IST

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