हल्द्वानी:महाशिवरात्रि का पर्व 18 फरवरी को मनाया जाएगा. इस साल महाशिवरात्रि पर सालों बाद दुर्लभ योग बना रहा है. इस बार भगवान शिव की पूजा से शनि देव का भी खास आशीर्वाद मिलगा. हर साल फाल्गुन माह के कृष्ण पक्ष की चतुर्दशी तिथि को महाशिवरात्रि का पर्व मनाया जाता है. मान्यता है कि महाशिवरात्रि के दिन भगवान शिव और माता पार्वती का विवाह हुआ था. इस वजह से महाशिवरात्रि पर शिव विवाह का आयोजन होता है. इस दिन व्रत और पूजा करने से अखंड सौभाग्य की प्राप्ति होती है और मनोकामनाएं पूरी होती हैं. महाशिवरात्रि के दिन रात्रि के चार प्रहर में शिव की आराधना का विशेष महत्व माना जाता है.
ज्योतिषाचार्य डॉ. नवीन चंद्र जोशी के मुताबिक 18 फरवरी को रात 8 बजे से फाल्गुन माह के कृष्ण पक्ष की चतुर्दशी तिथि लगेगी जिसका 19 फरवरी को शाम 4:18 बजे समापन होगा. महाशिवरात्रि में रात्रि पूजा का महत्व है. इसलिए महाशिवरात्रि 18 को मनाना उत्तम है. 18 फरवरी को शनिवार का दिन है. इसी दिन शनि त्रयोदशी तिथि यानी शनि प्रदोष व्रत का संयोग भी बन रहा है. प्रदोष व्रत और शिवरात्रि दोनों ही भगवान शिव को अति प्रिय हैं. महाशिवरात्रि पर शनिदेव अपनी ही राशि कुंभ में विराजमान रहेंगे.
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