हल्द्वानी: श्रावण मास की पूर्णिमा तिथि को रक्षा बंधन का पवित्र त्योहार मनाया जाएगा. ये त्यौहार भाई-बहन के प्यार का प्रतीक माना जाता है. रक्षाबंधन के दिन बहनें अपने भाई के कलाई पर रक्षासूत्र बांधती हैं और सुख-समृद्धि की कामना करती हैं. इस बार रक्षाबंधन की तिथि को लेकर असमंजस की स्थिति बनी हुई है. लेकिन ज्योतिष के अनुसार भद्रा रहित रक्षाबंधन मनाने का हिंदू धर्म में मान्यता है.
Raksha Bandhan 2023: इस बार रक्षाबंधन पर्व पर भद्रा का अशुभ साया, जानिए राखी बांधने का शुभ मुहूर्त - Rakshabandhan festival
Raksha Bandhan Festival हिंदू पंचांग के अनुसार इस साल भाई-बहन के प्रेम का प्रतीक रक्षाबंधन का पर्व 30 और 31 अगस्त को मनाया जाएगा. पर्व को लेकर इस बार लोगों के बीच भ्रम की स्थिति बनी है. जानिए ज्योतिषाचार्य डॉ. नवीन चंद्र जोशी से पर्व कब मनाए और पर्व का शुभ मुहूर्त कब है. जिससे आप अपनी शंका को दूर कर सकते हैं.
By ETV Bharat Uttarakhand Team
Published : Aug 28, 2023, 7:13 AM IST
|Updated : Aug 28, 2023, 1:48 PM IST
रक्षाबंधन का शुभ मुहूर्त:ज्योतिषाचार्य डॉ. नवीन चंद्र जोशी के मुताबिक विभिन्न पंचांगों के अनुसार रक्षाबंधन की अलग-अलग स्थिति बनी हुई है. लेकिन 30 अगस्त को 10:59 के बाद पूर्णमासी लग रही है, जबकि उसी दिन भद्रा भी लग रहा है. हिंदू धर्म में मान्यता है कि भद्रा में होलिका दहन और रक्षाबंधन का पर्व नहीं मनाया जाता है. भद्राकाल 30 अगस्त को रात्रि 9:02 बजे तक रहेगा, ऐसे में 31 अगस्त को रक्षाबंधन का पर्व मनाया जाएगा.
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जानिए क्या है मान्यता:मान्यता है कि शूर्पणखा ने रावण के हाथों में भद्रा काल में राखी बांधी थी जो रावण के लिए अनिष्ट कारक रहा. ऐसे में भद्रा काल में रक्षाबंधन का पर्व नहीं मनाया जा सकता.ज्योतिष के अनुसार भद्रा काल में मांगलिक कार्य जैसे मुंडन, विवाह, गृह प्रवेश, तीर्थ स्थलों का भ्रमण, व्यापार आरंभ वर्जित है. इसलिए भद्रा में राखी बांधना अशुभ माना जाता है. रात्रि में जनेऊ बदलने और रक्षाबंधन का परंपरा नहीं. ज्योतिष के अनुसार 31 अगस्त को सुबह 7 बजकर 10 मिनट तक पूर्णमासी रहेगा, जो भद्रा रहित होगा. ऐसे में 31 अगस्त को सुबह बहनें अपने भाइयों को कलाइयों पर राखी बांध रक्षाबंधन की शुरुआत कर सकती हैं.
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ऐसे मनाए रक्षाबंधन पर्व:राखी बांधने से पहले भाई को पूर्व दिशा की तरफ बिठाएं. बहनों का चेहरा पश्चिम दिशा की तरफ हो. ये दिशा शुभ मानी गई है. भूलकर भी उत्तर-पश्चिम या दक्षिण दिशा की ओर मुख कर राखी न बांधें. रक्षाबंधन की थाली में कभी टूटे अक्षत न रखें. भाई को तिलक करने के लिए साबूत अक्षत होना चाहिए. कहते हैं तिलक पर खंड़ित अक्षत लगाने से मानसकि तनाव बढ़ता है. राखी वाले दिन भाई उपहार में बहनों को काले रंग के वस्त्र या कोई वस्तु भेंट न करें. साथ ही इस दिन बहनें भाई की कलाई पर काले रंग के धागे वाली राखी न बांधें.