हल्द्वानी:हरतालिका तीज के अगले दिन से गणेश चतुर्थी पर्व की शुरुआत हो जाती है. यह पर्व पूरे 10 दिन तक चलता है. इस पर्व की शुरुआत शुक्रवार से होने जा रही है और इसका समापन 19 सितंबर को अनंत चतुर्दशी (Anant Chaturdashi) के दिन होगा, जिसे गणेश विसर्जन (Ganesh Visarjan) के नाम से भी जाना जाता है.
भाद्रपद माह के शुक्ल पक्ष की चतुर्थी तिथि को मंगल मूर्ति भगवान श्री गणेश की विधि-विधान के साथ मूर्ति स्थापना कर गणेश उत्सव मना सकते हैं. शुक्रवार के दिन सूर्य उदय से लेकर रात्रि 10 बजे तक गणेश स्थापना के लिए शुभ मुहूर्त बन रहा है. मान्यता है कि मां पार्वती ने भाद्र शुक्ल चतुर्थी तिथि को भगवान गणेश को उत्पन्न किया था, इसलिए हर साल भाद्रपद शुक्ल पक्ष की चतुर्थी तिथि को गणेश उत्सव मनाया जाता है.
6 ग्रहों का दुर्लभ संयोग:ज्योतिषाचार्य डॉ. नवीन चंद्र जोशी के मुताबिक इस बार भगवान गणेश के जन्मोत्सव के मौके पर कई शुभ संयोग बन रहे हैं, जो गणपति पूजन करने वाले भक्तों के लिए मंगलकारी होंगे. ज्योतिषाचार्य नवीन चंद्र जोशी के मुताबिक इस बार गणेश चतुर्थी पर 6 ग्रह अपनी श्रेष्ठ स्थिति में विद्यमान रहेंगे. जिसमें बुध कन्या राशि में, शुक्र तुला राशि में, राहु वृषभ राशि में, शनि मकर राशि में केतु वृश्चिक राशि में विद्यमान रहेंगे. इस कारण ग्रहों की स्थिति के अनुसार गणेश उत्सव लाभकारी होगा.
रिद्धि-सिद्धि के दाता भगवान गणेश को आदिदेव कहा जाता है. गणेश की पूरे देवलोक में पूजा की जाती है. गणेश जी का व्रत रखने से जन्म जन्मांतर के पाप दूर हो जाते हैं. कोई भी शुभ कार्य गणेश पूजा के बिना अधूरा माना जाता है और भगवान गणेश को प्रथम देवता कहा जाता है. ज्योतिषाचार्य डॉ. नवीन चंद्र जोशी के मुताबिक इस बार गणेश उत्सव तुला राशि चंद्रमा में योग बन रहा है. ऐसे में मिट्टी या किसी भी धातु की गणेश की प्रतिमा को विधि-विधान से पूजा-अर्चना करने से मनवांछित फल की प्राप्ति होगी.
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गणेश चतुर्थी के दिन लोग घर में सिद्धिविनायक गणपति की स्थापना के साथ उन्हें 5, 7 या 10 दिनों तक घर में स्थापित करके धूमधाम से उनका उत्सव मना कर विसर्जन करने का महत्व है. ऐसी मान्यता है कि घर में गणपति की स्थापना से वह घर के सभी विघ्नों को हरण करते हैं और सभी भक्तों को मनोकामनाएं पूर्ण करते हैं.
ऐसे करें भगवान गणेश की पूजा:घर में भगवान गणेश की मूर्ति स्थापना के साथ नित्य गणपति पूजा करने का महत्व है, जहां शुद्धि के साथ आसन और ध्यान लगाकर भगवान गणेश की आराधना कर मनवांछित फल पा सकते हैं. पूजा के दौरान पुष्प, धूप, दीपक, कपूर, रोली ,चंदन के साथ भगवान गणेश का अभिषेक करें. साथ ही उनके वाहन मूषक की भी पूजा करने का विशेष महत्व होता है. गणेश उत्सव मनाने के दौरान गणपति बीज मंत्र 'ॐ गं गणपतये नमः' माला का जाप अवश्य करें.
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मेष राशि:- मेष राशि वालों को सिंदूर पुष्प अक्षत दूर्वा से भगवान गणेश जी का पूजन करने से उनकी सारी मनोकामनाएं पूर्ण होती हैं.
वृष राशि:- वृष राशि वालों को भगवान गणेश जी का पूजन के बाद ओम नमो गणपतए नमः की मंत्र का जाप करना चाहिए और गणेश जी को दूर्वा पर मोदक का भोग लगाना चाहिए और इस प्रकार से भगवान गणेश जी उनकी सभी कामनाओं को पूर्ण करेंगे.