हल्द्वानी:उत्तराखंड के पहाड़ी फल की पहचान पूरे देश दुनिया में की जाती है. कुमाऊं मंडल के कई इलाकों में सेब,नाशपाती,आड़ू, खुमानी, सहित कई पहाड़ी फलों की काफी पैदावार होती है. यहां के किसानों का आजीविका का मुख्य साधन फल-सब्जी उत्पादन है. लेकिन पहाड़ के सेब और नाशपाती की क्वालिटी बेहतर नहीं होने के चलते मंडियों में अच्छे दाम नहीं मिल पा रहे हैं. बताया जा रहा है कि हिमाचल से आने वाले सेब की क्वालिटी उत्तराखंड की सेब की क्वालिटी से बेहतर है. जिसके चलते पहाड़ के किसानों को सेब और नाशपाती का दाम नहीं मिल पा रहा है.
क्या कह रहे व्यवसायी:कुमाऊं के सबसे बड़े हल्द्वानी मंडी के फल आलू एसोसिएशन के अध्यक्ष कैलाश जोशी ने बताया कि उत्तराखंड के पहाड़ की सेब की क्वालिटी हिमाचल प्रदेश के सेब की तुलना में बेहतर नहीं है. जिसके चलते पहाड़ के सेब मंडियों में कम बिक रहे हैं. यहां तक कि काश्तकार अपने उत्पादन को ग्रेडिंग नहीं कर पाते हैं, जिसके चलते उनके उत्पादों को अच्छे दाम नहीं मिलते हैं. हल्द्वानी मंडी के फल सब्जी के बड़े व्यापारी जीवन सिंह कार्की का कहना है कि कुमाऊं मंडल के कई क्षेत्रों में सेब और नाशपाती का बड़ी मात्रा में उत्पादन होता है.