कालाढूंगी: स्वतंत्रता संग्राम के महान सेनानी एवं क्रांतिकारी उधम सिंह की आज यानि गुरुवार को जयंती है. बात करें कालाढूंगी की तो उधम सिंह पार्क में शहीद की जयंती मनाई गई, लेकिन शहीद उधम सिंह की खंडित प्रतिमा को देखने वाला कोई नहीं. खंडित मूर्ति को देखकर उधम सिंह की शहादत का उपहास बनते देखा जा सकता है.
धूमधाम से मनाई गई शहीद उधम सिंह की जयंती. बता दें, उधम सिंह का जन्म 26 दिसम्बर 1899 को पंजाब के संगरूर जिले के सुनाम गांव में हुआ था. उधम सिंह ने जलियांवाला बाग नरसंहार को अंजाम देने वाले जनरल डायर को लंदन जाकर गोली मारी थी. अदम्य साहस और दृढ़ संकल्प के लिए आज पूरी दुनिया शहीद उधम सिंह को याद करती है.
कई इतिहासकारों का मानना है कि यह हत्याकांड डायर व अन्य ब्रिटिश अधिकारियों का एक सुनियोजित षड्यंत्र था, जो पंजाब पर नियंत्रण बनाए रखने के लिए पंजाबियों को डराने के उद्देश्य से किया गया था. यही नहीं ब्रिटिश साम्राज्य बाद में भी जनरल डायर के समर्थन से पीछे नहीं हटा था.
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शहीद उधम सिंह के इस साहसिक कार्य के लिए उत्तराखंड के एक जिले का नाम भी इनके नाम पर उधम सिंह नगर रखा गया है. कंबोज महासभा के अध्यक्ष अर्णव कंबोज ने बताया कि कालाढूंगी में शहीद उधम सिंह की जयंती पर उन्हें याद किया गया. साथ ही उन्होंने बताया कि असामाजिक तत्वों द्वार शहीद उधम सिंह की प्रतिमा को बार-बार खंडित किया जाता है. जिस पर प्रशासन मौन है.