हल्द्वानी: उत्तराखंड पशुओं में लिंग वर्गीकृत वीर्य उत्पादन करने वाला देश का पहला राज्य बन गया है. जिससे पशुपालकों की आर्थिक स्थिति में सुधार होगा. वर्गीकृत वीर्य दुधारू पशुओं के लिए तैयार किया गया है. इसके उपयोग से 90% बछिया ही पैदा होती है. ये गाय और भैंस दोनों जानवरों के लिए उपलब्ध है. जिससे अब किसानों को आवारा पशुओं से निजात मिलने के साथ ही पशुपालकों की आमदनी में भी इजाफा होगा.
उत्तराखंड में शुरू हुआ लिंग वर्गीकृत वीर्य का उत्पादन, 90% बछिया पैदा होने की गारंटी - uttarakhand news
उत्तराखंड पशुओं में लिंग वर्गीकृत वीर्य उत्पादन करने वाला देश का पहला राज्य बन गया है. जिसे पशुपालकों की आर्थिक स्थिति में सुधार होगा. वर्गीकृत वीर्य दुधारू पशुओं के लिए तैयार किया गया है. इसके उपयोग से 90% बछिया ही पैदा होती है.
उत्तराखंड देश का पहला ऐसा राज्य बन गया है जहां गाय-भैंसों के लिए लिंग वर्गीकृत वीर्य तैयार किया गया है. राष्ट्रीय गोकुल मिशन योजना के तहत ऋषिकेश के श्यामपुर प्रयोगशाला में लिंग वर्गीकृत वीर्य तैयार किया जा रहा है. उत्तराखंड लाइव स्टॉक डेवलपमेंट बोर्ड और कुमाऊं एडिशनल मैनेजर पशुपालन विभाग डॉक्टर कविता का कहना है कि यूएसए और यूएलडीबी ऋषिकेश श्यामपुर सीमन सेंटर के तकनीकी सहयोग से लिंग वर्गीकृत वीर्य तैयार किया जा रहा है.
उन्होंने कहा कि 2022 तक पशु पालकों की आय दोगुनी करने और आवारा जानवरों से निजात पाने के लिए तकनीकी का इस्तेमाल किया गया है. जिसके तहत अब गाय और भैंस में इस तकनीकी के माध्यम से केवल बछिया ही पैदा की जाएगी. डॉ. कविता का कहना है कि पशुपालकों के ऊपर ज्यादा बोझ न पड़े इसके लिए 300 रुपये शुल्क रखा है.