हल्द्वानी:केंद्रीय राज्य मंत्री अजय भट्ट (Union Minister of State Ajay Bhatt) ने जमरानी बांध निर्माण (Jamrani Dam Construction) को लेकर केंद्रीय वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण (Union Finance Minister Nirmala Sitharaman) से मुलाकात की. इस दौरान उन्होंने 2,584 करोड़ की लागत से बनने वाली जमरानी बांध परियोजना (Jamrani Dam Project) को एडीबी के पूर्व विश्लेषण के आधार पर ही निर्माण प्रारंभ करने की मांग की है.
वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण से अजय भट्ट ने कहा बार-बार एडीबी के पुनः विश्लेषण से केवल विलंब हो रहा है. जबकि कई दशकों से की जा रही मांग के बाद केंद्रीय जल आयोग ने जमरानी बांध योजना स्वीकृत की है. लंबे समय से उठ रही मांग और तराई भाबर में पेयजल का भारी संकट होने के कारण लोगों का पलायन प्रारंभ हो रहा था, इस योजना के बनने से 14 मेगावाट बिजली का उत्पादन बढ़ेगा और उत्तराखंड एवं उत्तर प्रदेश में डेढ़ लाख हेक्टेयर क्षेत्र में सिंचाई होगी.
अजय भट्ट ने कहा एडीबी द्वारा परियोजना के संबंध में 'दो कंसल्टेशन' मिशन आयोजित किए जा चुके हैं. परियोजना का वित्तीय एवं आर्थिक विश्लेषण तथा पर्यावरणीय परीक्षण एडीबी के मानकों के अनुसार प्रारंभिक रिपोर्ट में प्रस्तुत किया जा चुका है. इसके अलावा उस रिपोर्ट के सकारात्मक होने के पश्चात एडीबी द्वारा दिसंबर 2021 में तकनीकी परीक्षण के लिए 'पैनल ऑफ एक्सपर्ट' का गठन किया गया.
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जिसके पश्चात 31 जनवरी से 6 फरवरी 2022 तक बांध स्थल का दौरा कर बांध परियोजना के सम्यक निर्माण एवं सुरक्षा की दृष्टि से अध्ययन/ अन्वेषण/अनुसंधान प्रस्तावित किए गए हैं. जिस पर पीआईयू द्वारा कार्य प्रारंभ किया जा चुका है. जो अब माह जुलाई 2022 तक संपादित होगा, अब ऐसी जानकारी मिल रही है. जबकि पूर्व में जुलाई 2022 से जमरानी का कार्य प्रारंभ होने की बात आई थी.
अजय भट्ट ने वित्त मंत्री को अवगत कराया कि परियोजना की डीपीआर केंद्रीय जल आयोग (central water commission) सहित विभिन्न विभागों द्वारा स्वीकृत है. उनके संज्ञान में आया है कि केंद्रीय जल आयोग भारत सरकार द्वारा स्वीकृत डीपीआर के तकनीकी पहलुओं का एडीबी द्वारा पुनः विश्लेषण किया जा रहा है. जिसमें एडीबी द्वारा पूर्व में दी गई समय सारणी प्रभावित होने की संभावना है. ऐसी स्थिति में बांध हेतु ऋण स्वीकृति सहित कार्य प्रारंभ होने में विलंब होना प्रतीत हो रहा है.
अजय भट्ट ने कहा राज्य में मुख्य सचिव की अध्यक्षता में संपन्न बैठक में बाढ़ प्रभावितों के पुनर्वास और भूमि आवंटित किए जाने पर सहमति बनी. जिसके लिए मास्टर प्लान तैयार किया जा रहा है. अब सिर्फ प्राग फार्म की भूमि राजस्व विभाग द्वारा सिंचाई विभाग को हस्तांतरित की जानी है. ताकि डूब क्षेत्र के लोगों को यहां पर बसाया जा सके.
उन्होंने निर्मला सीतारमण से अनुरोध किया कि जमरानी बांध निर्माण की मांग कई दशकों से चल रही है. गहराता हुआ पेयजल संकट आज मानव जीवन के लिए खतरा बना हुआ है. ऐसे में किसी भी प्रकार का विलंब होना उचित नहीं होगा. लिहाजा पूर्व विश्लेषण के आधार पर ही जमरानी बांध का निर्माण कार्य प्रारंभ किया जाना चाहिए.अजय भट्ट ने बताया कि वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने मामले को गंभीरता से लेते हुए एडीबी के अध्यक्ष से तुरंत बात करने का आश्वासन दिया है.