रामनगरःहर साल अक्टूबर-नवंबर महीने में बड़े पैमाने पर पराली जलाई जाती है. जिससे दिल्ली-एनसीआर और उसके आसपास के क्षेत्रों में स्मॉग की समस्या पैदा हो जाती है. ऐसे में सांस लेने की समस्या से जूझ रहे लोगों को काफी दिक्कतों का सामना करना पड़ता है. साथ ही वायु प्रदूषण के साथ विजिबिलिटी भी काफी कम हो जाती है. जिसे देखते हुए रामनगर में कृषि निदेशक एपी श्रीवास्तव ने किसानों को एसएमएस की जानकारी दी. इस मशीन के जरिए किसान पराली को आसानी से खेतों में ही निस्तारण कर सकेंगे.
दरअसल, अक्टूबर के महीने में पंजाब, हरियाणा और उत्तर प्रदेश के कुछ इलाकों में धान की फसल की कटाई के बाद उसकी पराली को जलाया जाता है. जिससे स्मॉग की समस्या देखने को मिलती है. इसका सारा दोष भी पंजाब-हरियाणा के किसानों पर डाल दिया जाता है. उत्तराखंड में भी पराई का उचित निस्तारण नहीं हो पाता है. कई जगहों पर किसान पराली को जला देते हैं. किसानों को पराई जलाने की समस्या को दूर करने को लेकर कृषि निदेशक एपी श्रीवास्तव रेहड़ के कल्लूवाला गांव पहुंचे. जहां उन्होंने किसानों को सुपर स्ट्रा मैनेजमेंट सिस्टम (एसएमएस) की जानकारी दी.