हल्द्वानी:उत्तराखंड विधानसभा चुनाव के लिए बिगुल बज गया है. लोकतंत्र के इस पर्व में अपने मतदान कर लोग अपनी भूमिका निभाने वाले हैं. उत्तराखंड सैन्य प्रदेश के नाम से जाना जाता है. जहां भारी संख्या में सैनिक मतदाता हैं. जो देश की सीमाओं पर रक्षा करने के साथ-साथ उत्तराखंड के लोकतंत्र के पर्व में भी अपना अहम योगदान देते हैं. इसके अलावा उत्तराखंड के बहुत से ऐसे लोग हैं, जो विदेशों में अपनी सेवा दे रहे हैं. ऐसे में इस बार विधानसभा चुनाव में विदेश में सेवारत 75 अधिकारी अपना मताधिकार प्रयोग कर उत्तराखंड की सरकार चुनेंगे.
बात विदेशी रहने वाले मतदाताओं की करें तो सबसे ज्यादा 33 मतदाता देहरादून जनपद से हैं, पौड़ी 10, नैनीताल 6, उत्तरकाशी 1, चमोली 3, रुद्रप्रयाग 3, हरिद्वार 6, पिथौरागढ़ 8, चंपावत 1, उधम सिंह नगर 4, मतदाता हैं, जो विदेश में सेवारत है. इन विदेशी सर्विस मतदाताओं के लिए डिजिटल रूप से डाक मत पत्र भेजा जाएगा. इसके माध्यम से वह अपने उम्मीदवार को चुनेंगे और डाक से ही डिजिटल मतपत्र को वापस भेजेंगे.
इस बार दोनों पार्टियों ने सैनिकों के नाम पर राजनीति की है, लेकिन सैनिकों का रुझान किस ओर जाता है यह तो आने वाला समय बताएगा. लेकिन उत्तराखंड से 93,903 सैनिक है जो देश के सीमाओं पर डटे हुए हैं और और जिसकी भी सरकार बनेगी इन सैनिकों का सबसे बड़ा योगदान रहेगा. सैनिकों की बात करें तो सबसे ज्यादा पौड़ी जनपद से सैनिकों की संख्या है. यहां से 16,153, पिथौरागढ़ 14,537, चमोली 10,395, उत्तरकाशी 3,398, रुद्रप्रयाग 5,382, टिहरी 5,791, देहरादून 9,772, हरिद्वार 2,158, बागेश्वर 4,601, अल्मोड़ा 7,218, चंपावत 3057, नैनीताल 5,472, उधम सिंह नगर 5,969, सैनिक मतदाता है जो बॉर्डर पर बैठे बैठे अपनी सरकार को चुनेंगे.