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हल्द्वानी: PG जनरल सर्जरी विभाग की 9 सीटों पर नहीं होगा दाखिला

हल्द्वानी राजकीय मेडिकल कॉलेज में फैकल्टी में लगातार कमी देखी जा रही है. जिसे लेकर मेडिकल काउंसलिंग ऑफ इंडिया ने एक बार फिर मेडिकल कॉलेज के पीजी (जनरल सर्जरी) के 9 सीटों पर मान्यता देने से इन्कार कर दिया है.

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Published : Dec 22, 2020, 10:42 PM IST

हल्द्वानी: राजकीय मेडिकल कॉलेज में लगातार फैकल्टी के कमी के चलते कई विभागों की पहले से ही मान्यता पेंडिंग पड़ी है. ऐसे में मेडिकल काउंसलिंग ऑफ इंडिया ने एक बार फिर मेडिकल कॉलेज के पीजी (जनरल सर्जरी) के 9 सीटों पर मान्यता देने से इन्कार कर दिया है.

जनरल सर्जरी विभाग में पीजी कोर्स कुमाऊं विश्वविद्यालय के संबद्धता के साथ शुरू किया और जनरल सर्जरी विभाग में पीजी की 4 सीटों पर कुमाऊं विश्वविद्यालय ने मान्यता दी थी. ऐसे में राजकीय मेडिकल कॉलेज ने मेडिकल काउंसलिंग ऑफ इंडिया से 5 और सीटों की मान्यता के लिए आवेदन किया था. बताया जा रहा है कि विभाग में फैकल्टी की कमी के चलते मान्यता नहीं मिली. ऐसे में अगले सत्र में पीजी जनरल सर्जरी के दाखिले नहीं होंगे.

बताया जा रहा है कि मेडिकल काउंसलिंग ऑफ इंडिया की टीम ने जून में मान्यता के लिए मेडिकल कॉलेज का निरीक्षण किया था. एमसीआई ने अपनी रिपोर्ट में कहा है कि विभाग में तीन असिस्टेंट प्रोफेसर और तीन सीनियर रेजीडेंट की कमी है. साथ ही पब्लिकेशन से संबंधित कोई विवरण उपलब्ध नहीं कराया गया. जिसको देखते हुए 9 सीटों की मान्यता नहीं दी गई है. ऐसे में अगले सत्र के लिए जनरल सर्जरी पीजी के 9 सीटों पर दाखिला नहीं होंगे. एमसीआई ने राजकीय मेडिकल कॉलेज को पत्र में कहा है कि वर्तमान बैच के अलावा अगर पीजी की सीट पर दाखिला लिया गया तो वह पूरी तरह से अवैध होगा. साथ ही उनकी डिग्री की मान्यता नहीं दी जाएगी. हालांकि मेडिकल काउंसलिंग ऑफ इंडिया ने मेडिकल कॉलेज को 30 दिन के भीतर सभी कमियों को दूर करते हुए दोबारा से आवेदन करने को कहा है.

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मेडिकल कॉलेज के प्राचार्य चंद्रप्रकाश भैसोड़ा ने कहा कि एमसीआई ने जो कमियां बताई है, उसको पूरा करने का प्रयास किया जा रहा है. दोबारा से मान्यता के लिए आवेदन किया जाएगा. उम्मीद है कि इस बार एमसीआई से मान्यता मिल जाएगी. उन्होंने कहा कि पीजी जनरल सर्जरी के अलावा ईएनटी और पैथोलॉजी विभाग के सीटों की मान्यता के लिए भी आवेदन किया जाएगा. गौरतलब है कि पूर्व में रेडियोलोजी और बायोकेमेस्ट्री कि पीजी मान्यता नहीं मिलने के चलते पहले ही विभाग बंद हो चुका है. इसके अलावा कई विभागों में प्रोफेसर असिस्टेंट प्रोफेसर की भारी कमी है.

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