हल्द्वानी:प्रदेश में दूध का उत्पादन बढ़ाने के लिए सरकार द्वारा कई योजनाएं चलाई जा रही हैं. इसके तहत आंचल दूध डेयरी से जुड़े प्रदेश के दूध उत्पादकों को प्रोत्साहन राशि के रूप में 3 से लेकर 4 रुपये प्रति लीटर दी जाती है. लेकिन पिछले 13 महीनों से दुग्ध उत्पादकों को प्रोत्साहन राशि नहीं मिलने से वो निराश हैं.
52 हजार दुग्ध उत्पादकों को नहीं मिली प्रोत्साहन राशि, 13 महीने से है इंतजार
उत्तराखंड के 52 हजार दुग्ध उत्पादकों को पिछले 13 महीनों से दुग्ध उत्पादन प्रोत्साहन राशि नहीं मिली है. प्रोत्साहन राशि नहीं मिलने से दुग्ध उत्पादक निराश हैं.
विभागीय मंत्री धन सिंह रावत का दावा है कि दूध उत्पादकों की प्रोत्साहन राशि समय से भुगतान कर दी जाती है. लेकिन उत्तराखंड डेयरी फेडरेशन के मुताबिक पिछले 13 महीने से दुग्ध उत्पादकों की करीब 26 करोड़ से अधिक की प्रोत्साहन राशि का भुगतान नहीं हो पाया है.
गौरतलब है कि, प्रदेश के करीब 52 हजार दूध उत्पादकों द्वारा प्रदेश के आंचल डेयरी के अलग दुग्ध संघों में रोजाना करीब 1,75,000 लीटर दूध की आपूर्ति की जाती है. प्रदेश में दूध उत्पादन को बढ़ाने और आंचल दूध डेयरी से जुड़े दूध उत्पादकों को ज्यादा से ज्यादा जोड़ने के लिए तत्कालीन हरीश रावत सरकार ने 2014 में दुग्ध प्रोत्साहन राशि योजना शुरू की थी.
बताया जा रहा है कि वर्ष 2019 के अप्रैल तक प्रदेश के सभी दूध उत्पादकों को उनकी प्रोत्साहन राशि दी जा चुकी है. जबकि इस वित्तीय वर्ष में अनुसूचित जाति और अनुसूचित जनजाति के दूध उत्पादकों को भी प्रोत्साहन राशि दी जा चुकी है. वित्तीय वर्ष 2019-20 की सामान्य वर्ग के दूध उत्पादकों की प्रोत्साहन राशि बकाया है. इसको लेकर उत्तराखंड डेयरी फेडरेशन कई बार शासन को अवगत करा चुका है. इसके बावजूद भी दूध प्रोत्साहन राशि सरकार द्वारा जारी नहीं की जा रही है.
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विभागीय मंत्री धन सिंह रावत ने इस बकाये को लेकर तत्कालीन हरीश रावत सरकार का हवाला देकर पल्ला झाड़ रहे हैं. मंत्री धन सिंह रावत ने कहा कि प्रोत्साहन राशि का भुगतान 10 से 15 दिनों के भीतर कर दिया जाता है. जिससे दूध उत्पादकों को किसी तरह की दिक्कत न हो.