हल्द्वानी: उत्तराखंड में सड़क हादसों में लगातार लोगों की जानें जा रही हैं, लेकिन सरकार और प्रशासन के सामने इन हादसों पर लगाम लगाना किसी चुनौती से कम नहीं है. आए दिन हो रहे हादसे सरकार और उसकी व्यवस्थाओं पर सवाल खड़े कर रहे हैं. परिवहन विभाग अब हादसे के कारणों की जानकारी जुटाने का काम करने जा रहा है. परिवहन विभाग राज्य और केंद्र सरकार के साथ मिलकर एकीकृत सड़क दुर्घटना डेटाबेस (i RAD) के माध्यम से सड़क हादसे के कारणों का जानकारी जुटाएगा.
डेटाबेस के माध्यम से इस एप में पुलिस विभाग, परिवहन विभाग समेत अन्य नोडल एजेंसी सड़क हादसों की जानकारी उपलब्ध कराएंगे. जिसके बाद होने वाले सड़क हादसों के कारणों की जानकारी पता चल सकेगी. डेटाबेस से मिली जानकारी के अनुसार, सड़क हादसों पर लगाम लगाने का प्रयास किया जाएगा. बात कुमाऊं मंडल की करें तो यहां लगातार सड़क हादसे हो रहे हैं, जो सरकार और सरकारी मशीनरी के लिए चिंता का विषय बनता जा रहा है.
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डीआईजी कैंप कार्यालय नैनीताल से मिली जानकारी के मुताबिक, इस साल जनवरी महीने से मई 2022 तक 311 सड़क हादसे हुए हैं. जिसमें 191 लोगों की जान गई है, जबकि 274 लोग घायल हुए हैं. पिछले वर्ष 2021 की बात करें तो जनवरी 2021 से 31 दिसंबर 2021 तक 242 सड़क हादसे हुए थे. जिसमें 141 लोगों की जान गई थी, जबकि 189 लोग घायल हुए थे.
ऐसे में इस साल पिछले 5 महीनों की आंकड़ों की बात करें तो सड़क हादसों का ग्राफ काफी बढ़ा है. अगर कुमाऊं मंडल में जिलेवार हादसों की बात करें तो जनवरी महीने से लेकर मई तक उधमसिंह नगरमें 185 सड़क हादसों में 116 लोगों की जान गई, जबकि 129 लोग घायल हुए. नैनीताल जिले में 102 हादसों में 45 लोगों की जान गई, जबकि 95 लोग घायल हुए हैं.