हल्द्वानी: राजस्थान के सरकारी अस्पतालों में बच्चों की लगातार हो रही मौत के बाद कुमाऊं के सबसे बड़े सुशीला तिवारी अस्पताल भी अलर्ट पर है. वहीं, अगर बात सुशीला तिवारी अस्पताल की करें तो यहां साल 2019 में एक जनवरी से लेकर 31 दिसंबर तक 1401 नवजात बच्चों को इलाज के लिए भर्ती कराया गया. जिसमें से 228 बच्चों की मौत हो गई.
पिछले वर्ष 228 नवजात बच्चों की मौत पर अस्पताल प्रशासन की कार्यप्रणाली पर सवाल खड़े हो रहा है. ऐसे में बताया जा रहा है कि सुशीला तिवारी अस्पताल में हर महीने इलाज के दौरान 19 नवजात की मौत हो गई और ये सभी नवजात 28 दिनों से कम के थे.
पढ़ें- ऋषिकेश रेप कांड: HC के आदेश को सुप्रीम कोर्ट में चुनौती देगी पुलिस, शासन से मिली मंजूरी