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कुमाऊं मंडल में वनाग्नि के 223 मामले आए सामने, वन विभाग कर रहा 'इंद्र देव' का इंतजार

देवभूमि में जंगल लगातार धधक रहे हैं, लेकिन वन विभाग इस पर काबू पाने में पूरी तरह से नाकाम साबित हो रहा है. वन विभाग अब बरसात होने के इंतजार में बैठा है, जिससे जंगलों में लगी आग शांत हो सके.

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Published : May 9, 2019, 7:55 PM IST

कुमाऊं मंडल में वनाग्नि के 223 मामले आए सामने.

हल्द्वानी: प्रदेश में वनाग्नि की घटनाएं रुकने का नाम नहीं ले रही हैं. वन विभाग के अधिकारी जंगलों में लगी आग को रोकने के तमाम दावे कर रहे हैं, लेकिन इन घटनाओं में लगातार इजाफा हो रहा है. साथ ही वन संपदा भी खाक हो रही है. कुमाऊं मंडल के वन प्रभाग के आंकड़े बताते हैं कि इस वर्ष कुमाऊं मंडल के तीन वन प्रभागों में अभी तक 223 वनाग्नि की घटनाएं सामने आई हैं.

कुमाऊं मंडल में वनाग्नि के 223 मामले आए सामने.

मुख्य वन संरक्षक कुमाऊं मंडल विवेक पांडे ने बताया कि जंगलों में लगी आग पर विभाग द्वारा लगातार मॉनिटरिंग की जा रही हैं. साथ ही जहां तक संभव होगा, वहां आग बुझाने का काम किया जा रहा है. इसके साथ ही कई जगहों पर काबू पा लिया गया है. कुमाऊं मंडल की तीनों वन प्रभागों के आंकड़ों की बात करें तो अभी तक कुमाऊं मंडल के वनों में 223 आग लगने की घटना सामने आई हैं, जिसमें 195 आरक्षित वन क्षेत्र जबकि 28 वन पंचायत क्षेत्र में आग लगने की घटनाएं सामने आई हैं. इसके साथ ही 288 हेक्टेयर आरक्षित वन क्षेत्र को नुकसान पहुंचा है, जिसमें करीब 5 लाख रुपये की वन संपदा को नुकसान होने का आंकलन लगाया गया है.

तराई पूर्वी वन प्रभाग के प्रभागीय वन अधिकारी नीतीश कुमार त्रिपाठी ने बताया कि तराई पूर्वी वन प्रभाग के जंगलों में लगी आग पर काबू पा लिया गया है. कुछ स्थानों पर हल्की आग की घटनाओं की सूचना मिली है, जिस पर जल्द काबू पा लिया जाएगा. इसके अलावा वन कर्मियों को अलर्ट पर रखा गया है, जिससे कोई भी आग की घटना हो तो उस पर तुरंत काबू पाया जा सके.

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