हल्द्वानी:विशेष न्यायाधीश पॉक्सो अर्चना सागर की कोर्ट ने नाबालिग से दुष्कर्म के मामले में दोषी पाए जाने पर युवक को 20 साल की कठोर कारावास और ₹30000 का अर्थदंड लगाया है. साथ ही कोर्ट ने जिला विधिक सेवा प्राधिकरण नैनीताल को पीड़ित को ₹50000 सहायता देने के आदेश जारी किए हैं. कोर्ट ने पूरे मामले में 9 गवाहों और डीएनए सैंपल को आधार मानते हुए आरोपी को सजा सुनाई है.
शासकीय अधिवक्ता नवीन चंद्र जोशी ने बताया कि मामला 3 जनवरी का है. नैनीताल जिले के लामाचौड़ के रहने वाला ललित वर्मा कोटाबाग निवासी 15 वर्षीय छात्रा को अगवा कर अपने साथ पहले हल्द्वानी ले गया. जिसके बाद वह उसे दिल्ली ले गया. जिसके बाद पीड़िता के पिता ने कालाढूंगी पुलिस में पुत्री की गायब होने का मामला दर्ज कराया. जिसके बाद कालाढूंगी पुलिस ने पूरे मामले में युवक सहित किशोरी को 2 फरवरी 2019 को बरामद कर हल्द्वानी ले आई. जहां मजिस्ट्रेट के सामने किशोरी ने बयान बदलते हुए कहा कि वह अपनी मर्जी से गई थी.
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आरोपी ललित वर्मा ने उसके साथ किसी तरह का कोई गलत काम नहीं किया. जिसके बाद पूरे मामले में पुलिस ने किशोरी का मेडिकल परीक्षण के साथ-साथ किशोरी और युवक के कपड़े के साथ-साथ कपड़े में लगे दाग के नमूने लिए. नमूनों का डीएनए टेस्ट कराया गया. जिसके बाद डीएनए टेस्ट और मेडिकल परीक्षण में किशोरी के साथ दुष्कर्म की घटना का मामला उजागर हुआ. जिसके बाद पुलिस ने पूरे मामले में आरोपी के खिलाफ 376 363 366 3/4 लैंगिक अपराध के मामले में मुकदमा दर्ज कर आरोपी को गिरफ्तार कर जेल भेजने की कार्रवाई की थी.
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पूरे मामले में कोर्ट ने 9 गवाहों के साथ साथ डीएनए टेस्ट को आधार मानते हुए आरोपी ललित वर्मा को 20 साल की कठोर कारावास और ₹30000 का अर्थदंड लगाया है. यही, नहीं कोर्ट ने कहा है कि आरोपी युवक की उम्र अभी 21 साल से कम है, ऐसे में युवक को जेल में रहने के दौरान नियमानुसार प्लेस ऑफ सेफ्टी में दाखिल किया जाए. 21 साल पूरे हो जाने के बाद उसे अन्य कैदियों के साथ रखा जा सकेगा.