हल्द्वानी:नए परिवहन एक्ट के तहत अब उत्तराखंड में चलने वाले 15 साल पुराने सभी सरकारी वाहन 1 अप्रैल के बाद से सड़कों पर नहीं दौड़ेंगे. एक अप्रैल के बाद अब यह सभी वाहन कबाड़ हो जाएंगे. न्यू मोटर व्हीकल एक्ट के बाद अब सरकारी विभागों में 15 साल से पुराने राजकीय वाहनों का संचालन बंद करने का निर्देश दिया गया है. आरटीओ संदीप सैनी के अनुसार 1 अप्रैल से 15 साल से पुराने वाहनों का संचालन बंद कर दिया जाएगा. परिवहन विभाग ने जीओ जारी कर दिया है.
Government Vehicles: 15 साल पुराने सरकारी वाहन 1 अप्रैल से हो जाएंगे कबाड़, आदेश जारी - परिवहन मंत्रालय उत्तराखंड
उत्तराखंड में लागू नए परिवहन एक्ट के तहत अब 15 साल पुराने सभी सरकारी वाहन 1 अप्रैल के बाद कबाड़ हो जाएंगे. यह नियम उत्तराखंड में चलने वाले सभी केंद्र और राज्य सरकार के सरकारी वाहनों के साथ ही सभी निगमों और परिवहन विभाग की बसों और गाड़ियों, सरकारी सहायता प्राप्त संस्थाओं पर लागू होगा. इसके लिए परिवहन विभाग ने आदेश जारी कर दिए हैं.
उन्होंने बताया कि उत्तराखंड में चलने वाले सभी केंद्र और राज्य सरकार के सरकारी वाहनों के साथ-साथ सभी निगमों और परिवहन विभाग की बसों और गाड़ियों, सरकारी सहायता प्राप्त संस्थाओं पर लागू होगा. 15 साल से पुराने वाहनों का उनका नवीनीकरण नहीं होगा, उन्हें स्वतः निरस्त माना जाएगा. उन्होंने कहा कि परिवहन मंत्रालय ने एक ड्राफ्ट जारी करके यह जानकारी दी थी कि केंद्र और राज्यों सरकारों में इस्तेमाल हो रही. 15 साल पुरानी सभी गाड़ियों को स्क्रैप करना जरूरी है. उन्होंने कहा कि केंद्र सरकार ने बीते वर्ष स्क्रैप नीति लागू की थी. इसका उद्देश्य अनुपयुक्त और प्रदूषण फैलाने वाले वाहनों को चरणबद्ध तरीके से संचालन से बाहर करना है, जिसके तहत अब यह सभी 15 साल पुराने वाहन स्क्रैप नीति के तहत नष्ट किए जाएंगे.
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इसके अलावा आरटीओ विभाग द्वारा स्कूलों की गाड़ियों के फिटनेस और जीपीएस लगाए जाने पर भी विशेष अभियान चलाया जाएगा. आरटीओ संदीप सैनी ने कहा कि समय-समय पर विभाग द्वारा स्कूली बच्चों की सुरक्षा के मद्देनजर चेकिंग अभियान चलाए जाते हैं. इसके अलावा फिटनेस और रिनुअल के समय भी इस बात का ध्यान रखा जाता है कि स्कूल की बस में जीपीएस लगा है कि नहीं. उन्होंने कहा कि 15 साल पुराने कोई भी सरकारी वाहन अगर सड़कों पर दौड़ते हुए पाए गए, तो उनके खिलाफ परिवहन एक्ट के तहत कार्रवाई की जाएगी. उन्होंने कहा कि इसके लिए शासन से शासनादेश भी जारी हो गए हैं.