उत्तराखंड

uttarakhand

ETV Bharat / state

हरिद्वार में जल पुलिस के साथ रियलिटी चेक, डूबते कांवड़ियों को ऐसे मिल रहा 'जीवनदान' - Saved the drowning Kanwariyas

हरिद्वार में तैनात जल पुलिस गंगा में डूबते कांवड़ियों के लिए देवदूत साबित हो रहे हैं. जल पुलिस कर्मी एक सप्ताह में 25 से ज्यादा कांवड़ियों को डूबने से बचा चुके हैं. देखिए ईटीवी भारत की पड़ताल करती रिपोर्ट...

Haridwar jal police
हरिद्वार जल पुलिस

By

Published : Jul 21, 2022, 2:23 PM IST

Updated : Jul 21, 2022, 4:12 PM IST

हरिद्वार:कांवड़, कांवड़िए और गंगा का अनोखा रिश्ता है. कांवड़ और कांवड़िया मां गंगा के बिना अधूरे हैं. यही कारण है कि हरिद्वार आने वाला कांवड़िया गंगा स्नान जरूर करता है. इस दौरान कई बार लापरवाही से किया गया स्नान कावड़ियों पर भारी पड़ जाता है. गंगा में डूब कर किसी भी कावड़िए की मौत ना हो, इसको लेकर पुलिस महकमे ने हरिद्वार में जल पुलिस की तैनाती की है. चप्पे-चप्पे पर जल पुलिस के तैनात होने के कारण ही बीते एक सप्ताह में 25 से ज्यादा डूबते कांवड़ियों को बचाया है.

कांवड़ के सीजन में हरकी पैड़ी ब्रह्म कुंड से लेकर हरिद्वार में गंगा के तमाम घाटों पर कांवड़ियों का रेला उमड़ता है. गर्मियों होने के कारण आने वाला प्रत्येक कांवड़िया घंटों पर गंगा में डुबकी लगाकर चिलचिलाती गर्मी और सफर की थकान से निजात पाता है. लेकिन ऐसे में कई बार उतावलेपन में कांवड़िए अपनी जान भी जोखिम में डाल देते हैं. वैसे तो लगभग सभी गंगा घाटों पर रेलिंग और चेन की व्यवस्था की गई है, लेकिन कई बार कांवड़िए इन सुरक्षा मानकों को पार कर गंगा के तेज बहाव में बह जाते हैं. कुछ इनमें से किस्मत वाले होते हैं, जो बच कर बाहर आ जाते हैं लेकिन बहुत से ऐसे भी होते हैं जिन्हें गंगा खुद में समा लेती है.

हरिद्वार में जल पुलिस के साथ रियलिटी चेक.

बढ़ाई गई व्यवस्था:बीते सालों में कांवड़ के दौरान गंगा में नहाते समय डूब कर होने वाली कांवड़ियों की मौत पर अंकुश लगाने के लिए इस बार पुलिस ने गंगा घाटों पर जल पुलिस की व्यापक स्तर पर तैनाती की है. 100 से अधिक सरकारी व निजी गोताखोरों को डूबते कांवड़ियों को बचाने के लिए लगाया गया है.

गंगा में पैसे ढूंढने वाले भी बनाए गए एसपीओ:गंगा घाटों पर ऐसे युवाओं की भी कमी नहीं है, जो अपनी रोजी रोटी गंगा से ही चलाते हैं. यह युवक तैराकी में निपुण होते हैं और सामान्य दिनों में यह गंगा में पैसे आदि ढूंढ कर अपना गुजर-बसर करते हैं. पुलिस ने इस बार तैराकी में दक्ष ऐसे गंगा में पैसे ढूंढने वालों को एसपीओ (स्पेशल पुलिस ऑफिसर) बनाकर उन्हीं गंगा घाटों पर तैनात किया है, जिन घाटों का इन युवकों को पूरा अनुभव है.

22 टीमों के हाथ कमान:कांवड़ के दौरान सड़क पर पुलिस की मौजूदगी बेहद अहम है. उससे भी ज्यादा जरूरी अब पानी के बीच जल पुलिस की मौजूदगी होती नजर आ रही है क्योंकि सड़क पर दुर्घटना की संभावना पानी से काफी कम है. पानी में डूबते लोगों को बचाने के लिए हरिद्वार के अलग अलग घाटों पर जल पुलिस की 22 टीमों को लगाया गया है. एक टीम में 5 से लेकर 7 तक सदस्य होते हैं.

7 दिन में बचाई 23 जिंदगी:सरकारी आंकड़ों की बात करें तो पिछले सिर्फ 7 दिन में जल पुलिस की अलग-अलग टीमों ने अबतक गंगा में डूब रही 23 जिंदगियों को नया जीवन दिया है. अगर जल पुलिस नहीं होती, तो इन जिंदगियों को बचाना काफी मुश्किल होता है.
पढ़ें-उत्तराखंड पुलिस की शानदार पहल, इन्हें मिलेगा थाने और कोतवाली में कांवड़-गंगाजल

जल पुलिस, एसडीआरएफ और पीएसी एक साथ:कांवड़ के दौरान गंगा में बहने वालों को बचाने के लिए जल पुलिस के साथ एसडीआरएफ और पीएसी के गोताखोरों को गंगा घाटों पर तैनात किया गया है. इनके द्वारा मोटरबोट और राफ्ट के माध्यम से दिन में गंगा में डूबते लोगों को बचाया जाता है. वहीं रात के समय भी गोताखोरों की टीम उन घाटों पर मुस्तैद नजर आती है, जिन घाटों पर कांवड़िए या यात्री स्नान करते हैं.

कांवड़ियों को समझाना मुश्किल:जल पुलिस की टीम वैसे तो पब्लिक ऐड्रेस सिस्टम के माध्यम से घाटों पर घूम-घूम कर कांवड़ियों को नहाते समय पूरी एहतियात बरतने की लगातार सलाह देती रहती है. लेकिन जल पुलिस भी मानती है कि सभी कांवड़ियों को समझाना असंभव है. क्योंकि घाटों पर कांवड़ियों की संख्या लगातार बदलती रहती है.

घटता बढ़ता रहता है जल स्तर:जल पुलिस के लिए गंगा का लगातार घटता बढ़ता जलस्तर एक बड़ी परेशानी का कारण है. कभी किसी स्थान पर गंगा का स्तर काफी कम हो जाता है, तो कभी उसी स्थान पर एकाएक बढ़ भी जाता है. इस कारण रेस्क्यू के दौरान भी जल पुलिस को कई तरह की परेशानियों का सामना करना पड़ता है.

Last Updated : Jul 21, 2022, 4:12 PM IST

ABOUT THE AUTHOR

...view details