हरिद्वार:कांवड़, कांवड़िए और गंगा का अनोखा रिश्ता है. कांवड़ और कांवड़िया मां गंगा के बिना अधूरे हैं. यही कारण है कि हरिद्वार आने वाला कांवड़िया गंगा स्नान जरूर करता है. इस दौरान कई बार लापरवाही से किया गया स्नान कावड़ियों पर भारी पड़ जाता है. गंगा में डूब कर किसी भी कावड़िए की मौत ना हो, इसको लेकर पुलिस महकमे ने हरिद्वार में जल पुलिस की तैनाती की है. चप्पे-चप्पे पर जल पुलिस के तैनात होने के कारण ही बीते एक सप्ताह में 25 से ज्यादा डूबते कांवड़ियों को बचाया है.
कांवड़ के सीजन में हरकी पैड़ी ब्रह्म कुंड से लेकर हरिद्वार में गंगा के तमाम घाटों पर कांवड़ियों का रेला उमड़ता है. गर्मियों होने के कारण आने वाला प्रत्येक कांवड़िया घंटों पर गंगा में डुबकी लगाकर चिलचिलाती गर्मी और सफर की थकान से निजात पाता है. लेकिन ऐसे में कई बार उतावलेपन में कांवड़िए अपनी जान भी जोखिम में डाल देते हैं. वैसे तो लगभग सभी गंगा घाटों पर रेलिंग और चेन की व्यवस्था की गई है, लेकिन कई बार कांवड़िए इन सुरक्षा मानकों को पार कर गंगा के तेज बहाव में बह जाते हैं. कुछ इनमें से किस्मत वाले होते हैं, जो बच कर बाहर आ जाते हैं लेकिन बहुत से ऐसे भी होते हैं जिन्हें गंगा खुद में समा लेती है.
बढ़ाई गई व्यवस्था:बीते सालों में कांवड़ के दौरान गंगा में नहाते समय डूब कर होने वाली कांवड़ियों की मौत पर अंकुश लगाने के लिए इस बार पुलिस ने गंगा घाटों पर जल पुलिस की व्यापक स्तर पर तैनाती की है. 100 से अधिक सरकारी व निजी गोताखोरों को डूबते कांवड़ियों को बचाने के लिए लगाया गया है.
गंगा में पैसे ढूंढने वाले भी बनाए गए एसपीओ:गंगा घाटों पर ऐसे युवाओं की भी कमी नहीं है, जो अपनी रोजी रोटी गंगा से ही चलाते हैं. यह युवक तैराकी में निपुण होते हैं और सामान्य दिनों में यह गंगा में पैसे आदि ढूंढ कर अपना गुजर-बसर करते हैं. पुलिस ने इस बार तैराकी में दक्ष ऐसे गंगा में पैसे ढूंढने वालों को एसपीओ (स्पेशल पुलिस ऑफिसर) बनाकर उन्हीं गंगा घाटों पर तैनात किया है, जिन घाटों का इन युवकों को पूरा अनुभव है.