लक्सर: लोकसभा के बाद तीन तलाक बिल अब राज्यसभा में भी पास हो गया है. सुप्रीम कोर्ट में तीन तलाक के खिलाफ याचिका दायर करने वाली उत्तराखंड की पहली महिला आतिया साबरी ने केंद्र सरकार का धन्यावाद किया है. आतिया ने कहा कि तीन तलाक बिल राज्यसभा में पास होने पर वे बहुत खुश हैं और इसका पूरा श्रेय मोदी सरकार को जाता है.
तीन तलाक पीड़िता ने मोदी सरकार का किया धन्यावाद. बता दें कि आतिया साबरी की शादी लक्सर के जस्सोदरपुर गांव निवासी वाजिद से हुई थी. बेटियां होने पर उसके पति ने पौने दो साल बाद ही उसे तीन तलाक दे दिया था. आतियां साबरी ने तीन तलाक को सुप्रीम कोर्ट में चुनौती दी थी. महिला ने तीन तलाक प्रक्रिया को गलत बताते हुए कहा था कि उससे सहमति नहीं ली गई है.
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आतिया साबरी ने अपने पति और ससुर पर आरोप लगाते हुए कहा कि वे उसकी दूसरी बेटी सना को गर्भ में ही मारना चाहते थे. आतिया ने कहा कि ससुर शाहिद अहमद समाजवादी पार्टी हरिद्वार के पूर्व जिला अध्यक्ष भी है.
आतिया की कहानी
आतिया की शादी 25 मार्च 2012 को जस्सोदरपुर निवासी वाजिद पुत्र सईद हसन से हुई थी. शादी के ढाई साल के अंदर आतिया ने दो बेटियों को जन्म दिया. आतिया का आरोप था कि दो बेटियों को जन्म देने के बाद उसके पति ने तीन तलाक का एक नोटिस भेजाकर तलाक दे दिया. जिसके खिलाफ उन्होंने सुप्रीम कोर्ट में याचिका दायर की थी. आतिया का कहना था कि उनके पति ने देवबंद दारुल उलूम की फतवा कमेटी को आधी अधूरी जानकारी देकर फतवा जारी करा लिया.
उधर, देवबंद दारुल उलूम ने भी आतिया से बिना पूछे और मामले की पूरी तहकीकात किए बगैर तलाक दिए जाने का फतवा जारी कर दिया. आतिया ने फतवा को लेकर देवबंद की कमेटी को भी सुप्रीम कोर्ट में प्रतिवादी बनाया था. इसके अलावा आतिया ने अपने ससुराल वालों, कानून एवं न्याय मंत्रालय, अल्पसंख्यक कल्याण मंत्रालय, बाल कल्याण एवं महिला विकास मंत्रालय को भी प्रतिवादी बनाया था. आतिया और अन्य याचिकाकर्ताओं की याचिका पर सुप्रीम कोर्ट ने सरकार समेत अन्य संस्थाओं को नोटिस जारी किया था.