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हैंडओवर के 22 दिन बाद भी शुरू नहीं हुआ अलकनंदा होटल, पीपीपी मोड पर देने का मन बना रही सरकार - Alaknanda Hotel not started even after 22 days

अलकनंदा होटल को उत्तराखंड सरकार 22 दिन बाद भी शुरू नहीं कर पाई है. बताया जा रहा है कि सरकार अलकनंदा होटल को पीपीपी मोड पर देने का मन बना रही है.

Uttarakhand government has not been able to start the Alaknanda Hotel 22 days after the handover.
हैंडओवर के 22 दिन बाद भी शुरू नहीं हुआ अलकनंदा होटल

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Published : May 27, 2022, 5:17 PM IST

हरिद्वार: करोड़ों का राजस्व देने वाला अलकनन्दा होटल उत्तर प्रदेश सरकार से भले ही उत्तराखंड सरकार को मिल गया हो, मगर उत्तराखंड सरकार इसे अभी तक चला नहीं पाई है. 5 मई को यूपी के सीएम योगी आदित्यनाथ ने अपने हाथों से इस होटल की चाबी उत्तराखंड के मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी को एक भव्य कार्यक्रम में सौंपी थी. इसी के साथ उत्तर प्रदेश ने अपना एक भव्य अतिथि गृह भागीरथी के नाम से लोकार्पण भी किया था, मगर 22 दिन बाद भी उत्तराखंड सरकार अलकनन्दा होटल को शुरू नहीं कर पाई है.

फिलहाल, यह होटल बंद है. इस होटल के गेट के बाहर एक रस्सी बांधकर यहां आने का रास्ता बंद किया गया है. होटल में कोई कर्मचारी, अधिकारी भी नहीं है. यहां देखरेख करने वाला भी कोई नहीं है. सिर्फ एक सफाई कर्मी के जिम्मे पूरा होटल छोड़ा गया है.

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उत्तर प्रदेश सरकार में रहते हुए जो होटल करोड़ों का राजस्व देता था आज उत्तराखंड सरकार में आने के बाद इस होटल की ऐसी दुर्दशा शायद किसी ने सपने में भी नहीं सोची होगी. उत्तराखंड पर्यटन विभाग की माने तो उत्तराखंड सरकार अब इस होटल को पीपीपी मोड पर चलाने का विचार कर रही है. इसके लिए इनवेस्टर भी उत्तराखंड सरकार के पास पहुंच रहे हैं. माना जा रहा है कि इस होटल की स्थिति अच्छी नहीं है. कमरे क्षतिग्रस्त हैं. होटल के कुछ कमरों को तो शायद तोड़कर फिर से बनाना पड़ेगा. तब ही यह होटल लंबे समय तक चल पाएगा. इसी को लेकर उत्तराखंड सरकार स्तर पर तेजी से कार्य किया जा रहा है.

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हरिद्वार के जिला पर्यटन अधिकारी सुरेश यादव का कहना है कि अभी उनके द्वारा इस होटल की पूरी सामग्री, प्रॉपर्टी की इन्वेंटरी बनेगी. तभी इसको हस्तांतरित किया जाएगा. होटल की स्थिति वैसे भी अच्छी नहीं है. उन्होंने बताया इस होटल को पीपीपी मोड में दिया जाएगा. उन्होंने बताया होटल के प्रबंधक के अनुसार वहां बहुत सारे कमरे डैमेज हैं. कई कमरे तो तोड़कर बनाए जाने की स्थिति में हैं. तभी वह होटल लंबे समय तक चल पाएगा.

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वे मानते हैं कि यह प्रॉपर्टी प्रॉफिट देने वाली रही है लेकिन उसमें सीवेज और कई तरह की चीजें हैं दीवार डैमेज हैं. इसे लेने के लिए दिल्ली देहरादून आदि कई जगह से इन्वेस्टर आ रहे हैं. इस संबंध में जल्दी फैसला हो जाएगा. उम्मीद है कि इसे पीपीपी मोड में ही चलाया जाएगा. उन्होंने कहा होटल न चलने से राजस्व का कोई नुकसान नहीं हो रहा है.

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बता दें कि उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने 5 मई को अलकनंदा होटल को उत्तराखंड के मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी को सौंपा था. उन्होंने अपने हाथों से इस होटल की चाबी सीएम धामी को सौंप कर इस होटल के संचालन का अधिकार उत्तराखंड सरकार को दिया था, मगर यह अधिकार मिलने के बाद से यह होटल बंद पड़ा है.

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