आम बजट पर हरीश रावत की प्रतिक्रिया. हरिद्वारःकेंद्रीय वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण में आज आम बजट 2023-24 पेश किया. जिस पर उत्तराखंड के पूर्व मुख्यमंत्री हरीश रावत ने अपनी प्रतिक्रिया दी है. उन्होंने इस बजट को धोखेबाज बजट करार दिया है. हरदा ने कहा कि पहली बार ऐसा हुआ है कि किसी बजट को वित्त मंत्री ने कहा है कि यह आगे के 3 वर्षों के लिए है. जिससे यह साबित होता है कि इस वर्ष सरकार के पास धन ही नहीं है. बजट में सिर्फ खाली लिफाफों के योजनाओं का जिक्र किया है. इसके अलावा उन्होंने कहा कि पीएम मोदी के पास युवाओं के कोई शब्द ही नहीं है. ऐसे में 2 करोड़ रोजगार देने के मामले में कम से कम युवाओं से माफी मांगनी चाहिए.
2 करोड़ युवाओं को रोजगार कब देंगेःउत्तराखंड के पूर्व सीएम और कांग्रेस के कद्दावर नेता हरीश का कहना है कि हम उम्मीद कर रहे थे कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी अपने कार्यकाल के आखिरी साल में कम से कम युवाओं से किया वादा, तो पूरा करेंगे. जो उन्होंने चुनाव के दौरान किया था. पीएम मोदी ने कहा था कि वो हर साल 2 करोड़ युवाओं को नौकरी देंगे, लेकिन 9 साल हो गए युवाओं को नौकरी नहीं दे पाए. कम से कम आखिरी साल में एक मिसाल के कायम करते. ताकि आने वाले समय में सभी इस परंपरा को निभाते और युवाओं को नौकरी देते.
ये भी पढ़ेंःBudget 2023 Reaction: CM धामी बोले- बजट लोगों की उम्मीदों पर उतरेगा खरा, उत्तराखंड को मिलेगा फायदा
बजट में आम जनता के आंसू पोंछने का काम भी नहींःउन्होंने कहा कि इस बजट में कहीं पर भी रोजगार की बात नहीं की गई. साथ ही कुछ खाली लिफाफे योजनाओं का जिक्र है. जिनसे आमजन के जीवन मे कोई भी फर्क आने वाला नहीं है. इतना ही नहीं महंगाई पर भी अंकुश लगाने का कोई कार्य इस बजट ने नहीं किया है. हरदा ने कहा कि मौजूदा हालात में अर्थव्यवस्था बिगड़ती जा रही है. गरीब और गरीब होता जा रहा है. जबकि, अमीर और अमीर होता जा रहा है. आम नागरिक के आंसू पोंछने का काम भी वित्त मंत्री ने इस बजट में नहीं किया है.
उत्तराखंड के लिए बजट में कोई प्रावधान नहींःहरीश रावत ने कहा कि उत्तराखंड के हिसाब से इस बजट को देखा जाए तो मोदी सरकार पर्यावरण से जुड़ी कई बात कर रही है, लेकिन जो हरित एरिया है या फिर ऐसे अन्य राज्य जो भारत देश ही नहीं बल्कि पूरी दुनिया में ऑक्सीजन देने का कार्य करते हैं. उनके लिए ग्रीन बोनस देने की जो मांग की जा रही थी, उसमें यह सरकार बिल्कुल शांत है. वहीं, अगर आपदा की बात की जाए तो कई राज्य ऐसे हैं, जो आपदा से जूझ रहे हैं. जिसमें उत्तराखंड भी है. इस बजट में आपदा से जुड़ा कोई भी बजट या फिर उस पर चर्चा नहीं की गई है.
ये भी पढ़ेंःBudget 2023: महिलाओं और वरिष्ठ नागरिकों के लिए नई जमा योजना, मिलेगा इतना ब्याज
बजट में अमीरों की झोली भरी गईःउत्तराखंड कांग्रेस का कहना है कि यह बजट अमीरों की झोली भरता हुआ दिखाई दे रहा है, जबकि गरीबों के हक में कुछ नहीं है. बीजेपी के नेता इस बजट को सर्व समावेशी बजट तो बता रहे हैं, लेकिन यह बताने में असक्षम है कि उत्तराखंड की झोली में इस बजट से क्या है? कांग्रेस प्रदेश प्रवक्ता गरिमा ने कहा कि प्रदेश की जनता को इस बजट से काफी अपेक्षाएं थीं. प्रदेश जोशीमठ जैसे आपदा के दौर से गुजर रहा है. ऐसे में जहां एक केंद्रीय संस्थान की जरूरत थी जो भू धंसाव और भूस्खलन की स्थितियों का अध्ययन कर सके और स्थितियों का आकलन करके सरकार को बताए, लेकिन इसका कोई जिक्र नहीं किया गया.
गरिमा दसौनी ने कहा कि टनकपुर बागेश्वर रेल लाइन, डोईवाला से उत्तरकाशी रेल लाइन का बजट में जिक्र नहीं किया गया. सौंग बांध जैसे बड़े प्रोजेक्टों के लिए पैकेज की दरकार थी, लेकिन बजट में प्रदेश के बड़े बांधों के पैकेज को लेकर बजट में कोई उल्लेख नहीं किया गया. सरकार ने 2022 तक कृषि की आमदनी दोगुनी करने का वादा किया था और कहा था कि 2022 तक लोगों को पक्के मकान दे देंगे. इसके अलावा 2022 तक 100 स्मार्ट सिटी बनाए जाने की भी बात की थी. केंद्र सरकार ने 2022 तक 2 करोड़ नौकरियां दिए जाने का भी भरोसा दिया था, लेकिन सरकार जुमलेबाजी करती रही.
उत्तराखंड की झोली रही खालीःहालात ये हैं कि आज देश की अर्थव्यवस्था लगातार नीचे गिरती चली जा रही है और जीडीपी में गिरावट देखने को मिल रही है. कच्चे तेल के दामों में भी गिरावट देखने को मिल रही है. उसके बावजूद देशवासियों को पेट्रोल डीजल की कीमतों में राहत नहीं दी गई. सरकार ने मातृशक्ति को घरेलू गैस सिलेंडर के दामों में भी कोई राहत नहीं दी है. गरिमा का कहना है कि खाद्य पदार्थों के दामों में भी सरकार ने कोई राहत नहीं दी है. टैक्स स्लैब से जो उम्मीदें थी, वो भी खरा नहीं उतरा. यदि बजट को देखा जाए तो इस बजट से उत्तराखंड की झोली एक बार फिर खाली रह गई है.