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Published : Nov 26, 2019, 7:45 PM IST

Updated : Nov 26, 2019, 10:57 PM IST

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हरिद्वार: मानव और वन्यजीवों के बीच बढ़ता जा रहा संघर्ष, दहशत में लोग

जिस तरह से हरिद्वार में मनाव और वन्यजीवों के बीच संघर्ष की घटनाएं बढ़ रही हैं उससे वन विभाग की कार्यशैली पर भी सवाल खड़े हो रहे हैं. क्योंकि हर साल वन्यजीवों के संरक्षण व संवर्धन के लिए वन विभाग करोड़ों रुपए खर्च करता है.

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हरिद्वार:उत्तराखंड में लगातार मानव और वन्यजीवों के बीच संघर्ष की घटनाएं बढ़ती जा रही हैं. ऐसे ही कुछ हाल इन दिनों हरिद्वार में देखने को मिल रहा है. हरिद्वार वन प्रभाग और राजाजी टाइगर रिजर्व से लगे आबादी वाले क्षेत्रों में इन दिनों जंगली जानवरों का आतंक देखने को मिल रहा है. शाम होते ही जंगली जानवर शिकार करने रिहायशी इलाकों में आ जाते हैं.

बता दें कि हरिद्वार का ज्यादातर इलाका जंगल से सटा हुआ है. जिस कारण हाथी और बाकी जानवर बस्तियों और खेतों में आकर ग्रामीणों की फसलों को खराब कर देते हैं. ग्रामीणों के साथ-साथ शहरी लोगों में भी दहशत फैली हुई है. कुछ समय पहले भी हरिद्वार के पथरी इलाके में हाथियों का आतंक देखने को मिला था. यहां हाथियों की वजह से दो लोगों की मौत हो गई थी.

मानव और वन्यजीवों के बीच बढ़ता जा रहा संघर्ष

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जिस तरह से हरिद्वार में मनाव और वन्यजीवों के बीच संघर्ष की घटनाएं बढ़ रही हैं उससे वन विभाग की कार्यशैली पर भी सवाल खड़े हो रहे हैं. क्योंकि हर साल वन्यजीवों के संरक्षण व संवर्धन के लिए वन विभाग करोड़ों रुपए खर्च करता है.

जब इस बारे में रेंज अधिकारी हरिद्वार दिनेश नौडियाल से बात कि गई तो उन्होंने वही राटा रटाया जवाब दिया. महकमे के अधिकारियों का कहना है कि गुलदार को पकड़ने के लिए उन्होंने कई टीमें बनाई है. इसमें राजाजी प्रशासन से भी सहयोग लिया जा रहा है.

Last Updated : Nov 26, 2019, 10:57 PM IST

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