हरिद्वार:केंद्रीय राज्य मंत्री निरंजन ज्योति ने आज सोमवार को पंचायती अखाड़ा निरंजनी पहुंचकर अखिल भारतीय अखाड़ा परिषद के अध्यक्ष श्रीमहंत रविंद्रपुरी महाराज से मुलाकात की. इस मौके पर निरंजन ज्योति ने ज्ञानवापी मुद्दे पर कोर्ट के फैसले पर भरोसा जताया है. वहीं, श्रीमहंत रविंद्रपुरी महाराज ने ज्ञानवापी को लेकर गलत बयानबाजी करने से बचने की अपील की है.
हरिद्वार के निरंजनी अखाड़े में पहुंची केंद्रीय राज्यमंत्री निरंजन ज्योति ने कानपुर में हुई घटना को लेकर कहा कि जो भी हुआ वो सही नहीं हुआ. उन्होंने कहा कि भाजपा की सरकार आने के बाद कहीं भी दंगे नहीं हुए हैं, जिस तरह से कानपुर के हालात हैं, उससे ऐसा लगता है कि सुनियोजित तरीके से किया गया है. उन्होंने यहां दंगा करने वाले लोगों को आगह करते हुए कहा कि अगर कोई उत्तर प्रदेश में दंगा करेगा तो मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ उनका क्या करेंगे, ये सभी जानते हैं.
ज्ञानवापी पर बयानबाजी से बचें- निरंजन ज्योति निरंजन ज्योति ने ज्ञानवापी के मामले पर रहा कि वहां नंदी और शिवलिंग सहित सभी तथ्य मिले हैं, जिससे साफ हो गया है कि वहां मंदिर ही था. कोर्ट के फैसले पर पूरा भरोसा है और कोर्ट का निर्णय सही होगा. इस दौरान अखिल भारतीय अखाड़ा परिषद के राष्ट्रीय अध्यक्ष श्रीमहंत रविंद्रपुरी महाराज ने कहा कि ज्ञानवापी मामले को लेकर कोर्ट का जो भी फैसला होगा वह सर्वमान्य होगा. उन्होंने अपील है कि वह गलत बयान बाजी से बचें. कोई भी गलत टिप्पणी न करें.
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कानपुर हिंसा:बीते 3 जून को राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद कानपुर देहात जिले में अपने पैतृक गांव परौख पहुंचे थे. परौख जाने से पहले राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद का स्वागत करने के लिए पीएम मोदी, सीएम योगी और राज्यपाल आनंदीबेन पटेल कानपुर आए थे. राष्ट्रपति की कानपुर में मौजूदगी के समय ही यतीमखाने इलाके में दो समुदायों के बीच हिंसा हुई थी. घटना के बाद सीएम योगी ने नाराजगी जताते हुए आरोपियों के खिलाफ सख्त कार्रवाई के निर्देश दिए थे.
पुलिस अराजक तत्वों पर रखने एवं कानून व्यवस्था बनाए रखने के लिए संवेदनशील इलाकों के चप्पे-चप्पे पर ड्रोन से नजर रख रही है. हिंसा के आस-पास वाले इलाके में बड़ी संख्या में पुलिस बल तैनात है. पत्थरबाजी और फायरिंग के बवाल में संलिप्त संदिग्धों की पहचान के लिए पुलिस ने 40 लोगों का फोटो जारी किया है.
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ज्ञानवापी मामला:दिल्ली निवासी राखी सिंह और चार अन्य महिलाओं ने श्रृंगार गौरी की नियमित पूजा अर्चना की अनुमति देने और परिसर में स्थित विभिन्न विग्रहों की सुरक्षा का आदेश देने के आग्रह संबंधी याचिका दाखिल की थी. इस पर सिविल जज (सीनियर डिवीजन) रवि कुमार दिवाकर की अदालत ने 26 अप्रैल को एक आदेश जारी कर ज्ञानवापी-श्रृंगार गौरी परिसर की वीडियोग्राफी सर्वे कराकर 10 मई तक रिपोर्ट देने के आदेश दिए थे. काफी हंगामे के बाद सर्वे किया गया.
सर्वे के दौरान हिंदू पक्ष ने वजूखाने में शिवलिंग (Shivling) मिलने के दावा किया था. फिर ये मामला सुप्रीम कोर्ट (Supreme Court) पहुंचा था. जिसके बाद वजूखाना सील कर दिया गया था. इस केस की सुनवाई करते हुए सुप्रीम कोर्ट ने इसे सेशन कोर्ट से वाराणसी जिला कोर्ट (Varanasi Court) को भेज दिया था. साथ ही कोर्ट ने कहा था कि 8 हफ्तों तक सुप्रीम कोर्ट का अंतरिम आदेश लागू रहेगा. सुप्रीम कोर्ट ने 17 मई को 8 हफ्ते का अंतरिम आदेश जारी किया था.