हरिद्वार/रुड़कीः उत्तराखंड में साइबर ठगी के मामलों में तेजी से इजाफा हो रहा है. ताजा मामला हरिद्वार और रुड़की से सामने आया है. पहले मामले में साइबर ठगों ने एक निजी बैंक के खाताधारक को चूना लगाया है. साइबर ठगों ने कोरियर डिलीवरी के नाम पर पहले ₹5 उसके खाते में भेजे. फिर ₹2 लाख रुपए उड़ा लिए. दूसरे मामले में महिला ने ऑनलाइन शॉपिंग की, लेकिन कैशबैक के लालच में 20 हजार रुपए गंवा दिए.
पहले साइबर ठगों ने ₹5 भेजे फिर खाते से 2 लाख रुपए उड़ाएःकोतवाली रानीपुर पुलिस के मुताबिक, मधू सूदन प्रकाश निवासी सेक्टर 1 बीएचईएल ने बताया की उनकी पत्नी ने एचडीएफसी बैंक की हरिद्वार शाखा में खाता खुलवाया था. खाते से संबंधित किट कोरियर से 18 सितंबर को मिलनी थी, लेकिन किट नहीं आई तो 20 सितंबर को गूगल से ब्लू डॉट कोरियर कंपनी का टेलीफोन नंबर ढूंढा और उस पर कॉल किया.
कॉल रिसीव करने वाले व्यक्ति ने कहा कि कोरियर डिलवर होने से पहले पांच रुपए की पेमेंट करनी होगी. पेमेंट होते ही शाम तक कोरियर डिलीवर हो जाएगा. मधूसूदन के मुताबिक, कॉल रिसीव करने वाले व्यक्ति ने उनको एक लिंक भेजा और उस पर पांच रुपए ट्रांसफर करने के लिए बोला. मधू सूदन का आरोप है कि पांच रुपए ट्रांसफर करते ही उनके खाते से एक लाख 80 हजार रुपए कट गए. मामले कोतवाल रमेश तनवार ने बताया कि मुकदमा दर्ज कर जांच साइबर सेल को भेज दी है.
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कैशबैक के लालच में लिंक ओपन किया और उड़ गए 20 हजार रुपएःरुड़की में एक महिला से ऑनलाइन कपड़े मंगाने के नाम पर ठगी करने का मामला (Cyber Fraud Cases Registered in Roorkee) सामने आया है. दरअसल, महिला को ऑनलाइन शॉपिंग का कैशबैक देने का झांसा देते हुए लिंक भेजा गया था. जैसे ही महिला ने लिंक ओपन किया तो उसके खाते से 20 हजार रुपए साफ (Online Shopping Cashback Fraud) हो गए. महिला ने पुलिस को तहरीर देकर कार्रवाई की मांग की है. सिविल लाइन कोतवाली प्रभारी निरीक्षक देवेंद्र सिंह चौहान ने बताया कि पुलिस आरोपी कर्मचारी का माेबाइल नंबर ट्रेस कर रही है.
ऑनलाइन फ्रॉड (Online Fraud) से कैसे बचें?
- फोन पर किसी को भी अपनी बैंक डिटेल न दें.
- अपना ATM पिन, CVV नंबर, डेबिट पासवर्ड और अकाउंट नंबर किसी को भी शेयर न करें.
- किसी और का बताया पासवर्ड न बनाएं.
- ओटीपी (OTP) किसी को भी शेयर न करें.
- इंटरनेट पर कभी भी कस्टमर केयर का नंबर सर्च कर संपर्क न करें.
- इंटरनेट पर आनी वाली साइटों पर अपनी निजी जानकारी न डालें.
- किसी भी फ्री और डिस्काउंट के लालच में आकर लिंक पर क्लिक न करें.
- कुछ महीनों के अंतराल पर अपना पासवर्ड बदलते रहें.
- एटीएम वैलिडिटी एक्सपायर से संबंधित आने वाले कॉल और मैसेज का जबाव न दें.
- बैंक के कर्मचारी फोन या ई-मेल पर आपकी पर्सनल जानकारी नहीं मांगते.
- बैंक के कर्मचारी कभी भी एटीएम की वैलिडिटी खत्म होने पर कॉल नहीं करते हैं.
- डेबिट कार्ड से शॉपिंग करते समय पब्लिक वाई-फाई का इस्तेमाल न करें.
- लेनदेन करने के बाद रसीद जरूर लें.
- ऑनलाइन शॉपिंग के बाद अपना बैंक स्टेटमेंट जरूर चेक करें.
ऑनलाइन फ्रॉड होने पर क्या करें?
- फ्रॉड का शिकार होने के बाद आपको बैंक में तीन दिन के भीतर इसकी जानकारी देनी होगी.
- बैंक जांच करेगा कि पैसे आपकी गलती के कारण किसी दूसरे खाते में ट्रांसफर हुए हैं या आप धोखाधड़ी का शिकार हुए हैं या फिर किसी ने निकाल लिए हैं.
- साइबर फ्रॉड का शिकार होने पर बैंक चोरी हुए पैसों की भरपाई करेगा, लेकिन ये भरपाई कुछ शर्तों पर ही होगी.
- सबसे पहले अपने अकाउंट, कार्ड और इंटरनेट बैंकिंग को बंद कराएं. इसके बाद पुलिस में फ्रॉड की शिकायत दर्ज कराएं.
- बैंक में एफआईआर की कॉपी लेकर जाएं. इसके आधार पर बैंक फ्रॉड की जांच करेगा.
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