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कलियुगी श्रवण और राजेश से मिलिए, मां और दिव्यांग भाई को पालकी में करा रहे कांवड़ यात्रा

यूपी के बुलंदशहर के दो भाई अपनी मां और दिव्यांग भाई को पालकी में बैठाकर कांवड़ यात्रा करा रहे हैं और लोगों को मातृ सेवा का संदेश दे रहे हैं. कांवड़ यात्रा पर आए दोनों भाइयों (श्रवण और राजेश) का कहना है कि उन्होंने हरियाणा के एक लड़के को उसके माता-पिता को इसी तरह ले जाते हुए देखा था. तभी सोच लिया था कि वो अपनी मां और दिव्यांग भाई को कांवड़ यात्रा कराएंगे.

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Published : Jul 16, 2022, 11:08 AM IST

Updated : Jul 16, 2022, 11:40 AM IST

Kanwar Yatra 2022
कांवड़ यात्रा 2022

रुड़की:14 जुलाई से कावड़ यात्रा का आगाज हो चुका है. धर्मनगरी हरिद्वार शिव भक्तों की आस्था और भोले नाथ के जयकारों से गूंज उठी है. उसी आस्था के साथ बुलंदशहर निवासी श्रवण और राजेश अपने दिव्यांग भाई रमेश और मां सावित्री देवी को पालकी में कांवड़ यात्रा कराकर सेवा करने का संदेश दे रहे हैं.

बता दें, 11 जुलाई को हरकी पैड़ी पर गंगा स्नान करने के बाद गंगाजल भरकर पालकी में दिव्यांग भाई और अपनी वृद्ध मां को बैठा लिया. इसके बाद दोनों भाई अपने दिव्यांग भाई और वृद्ध मां को पालकी से कंधे पर उठाकर हरिद्वार से बुलंदशहर तक की यात्रा पर निकल गए. बीते रोज शुक्रवार को दोनों भाई रुड़की के मंगलौर पहुंचे, जहां पर उन्होंने विश्राम किया.
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हरिद्वार से बुलंदशहर की दूरी 250 किलोमीटर है. लेकिन भगवान शंकर के प्रति दोनो भाइयों की आस्था ने दिव्यांग भाई और बूढ़ी मां की सेवा का संदेश दिया है. श्रवण ने बताया कि पिछली बार जब वो कांवड़ लेकर आए थे तो उन्होंने हरियाणा के एक लड़के को उसके माता-पिता को इसी तरह ले जाते हुए देखा था. तभी सोच लिया था कि वो अपनी मां और दिव्यांग भाई को कांवड़ यात्रा कराएंगे.

Last Updated : Jul 16, 2022, 11:40 AM IST

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