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बेटे की डेडबॉडी लेकर मां पहुंची अमरोहा, पिता ने पहचानने से किया इनकार, वापस लौटे ड्राइवर की बढ़ीं मुश्किलें - body from District Hospital Haridwar to Amroha

हरिद्वार जिला अस्पताल (Haridwar District Hospital) में एक अजीब-ओ-गरीब मामला सामने आया है. यहां एक महिला अपने बेटे के शव एंबुलेंस से लेकर अमरोहा (Woman took sons body to Amroha) गई. अमरोहा में बेटे के पिता ने शव पहचानने से इनकार (Son father refuses to recognize dead body) कर दिया. इसके बाद महिला भी गायब हो गई. अधर में फंसे ड्राइवर को दबाव में शव वापस लेकर आना पड़ा. अब न परिजन शव लेने को तैयार हैं और न ही जिला अस्पताल. जिससे एंबुलेंस चालक (trouble increased of ambulance driver) की परेशानी बढ़ गई है.

Haridwar District Hospital
हरिद्वार जिला अस्पताल

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Published : Oct 8, 2022, 3:41 PM IST

Updated : Oct 8, 2022, 3:56 PM IST

हरिद्वार:जिला चिकित्सालय (Haridwar District Hospital) में एक नया मामला देखने को मिला. यहां चिकित्सकों ने अपने यहां मृत घोषित युवक का शव लेने से ही इनकार कर दिया. शुक्रवार को ही मृतक की मां बेटे का शव एंबुलेंस से लेकर अमरोहा गई थी. अमरोहा में पिता ने शव बेटे का होने से ही इनकार कर दिया. जिसके बाद एंबुलेंस चालक को वापस लौटा दिया गया. अब एंबुलेंस चालक शव को एंबुलेंस में रखकर अस्पताल प्रबंधन से शव अपने कब्जे में लेने की गुहार लगा रहा है, लेकिन उसकी कहीं कोई सुनवाई नहीं हो रही है.

जानकारी के अनुसार गुरुवार सुबह सात बजे बानो निवासी नौगांव, थावर का बाजार अमरोहा उत्तरप्रदेश 22 वर्षीय तस्कीन अहमद को अपना बेटा बताकर 108 से कलियर शरीफ से जिला चिकित्सालय लाई थी. महिला ने युवक को अपना बेटा बताया था. चिकित्सकों के उपचार के बावजूद शुक्रवार शाम पांच बजे युवक की मौत हो गई. बेटे की मौत के बाद महिला ने एंबुलेंस चालक गुलाम नवी निवासी ज्वालापुर की एंबुलेंस से शव को लेकर अमरोहा चली गई, लेकिन महिला जब शव को लेकर घर पहुंची तो उसके पति ने शव बेटे का होने से ही इनकार कर दिया. इस दौरान एकत्र हुए लोगों ने महिला को भी गायब कर दिया. साथ ही वे शव को वापस ले जाने की बात पर अड़ गए.

हरिद्वार जिला अस्पताल

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मौके पर एंबुलेंस चालक ने स्थानीय पुलिस भी बुलाई, लेकिन पुलिस ने भी गुलाम नबी पर दबाव बनाकर शव वापस ले जाने का फरमान सुना दिया. जिसके बाद एंबुलेंस चालक सुबह वापस जिला चिकित्सालय पहुंच गया. अस्पताल पहुंचने पर जब जानकारी चिकित्सकों को दी तो उन्होंने बिना महिला के शव लेने से साफ इनकार कर दिया. एंबुलेंस चालक सुबह से ही कभी कोतवाली हरिद्वार तो कभी चिकित्सकों के चक्कर काट रहा है लेकिन कहीं कोई सुनवाई नहीं हो रही है.

चालक परेशान: निजी एंबुलेंस चालक फरमान उर्फ गुलाम नबी का कहना है की शुक्रवार शाम 6 बजे उसे शव ले जाने के लिए अस्पताल से फोन आया. जिसके बाद वह शव को लेकर अमरोहा निकल गया. शव के साथ एक महिला भी थी. जिसने शव ले जाने के लिए फोन किया था. रात को शव लेकर जब अमरोहा पहुंचे तो घर वालों ने शव लेने से ही मना कर दिया, जबकि महिला को उन्होंने कहीं गायब कर दिया. जिसके बाद पुलिस को फोन करके बुलाया गया, लेकिन पुलिस ने डेडबॉडी वापस ले जाने को कह दिया. आज सुबह 5:00 बजे शव लेकर जिला चिकित्सालय पहुंचा, लेकिन यहां भी डॉक्टरों मे शव लेने से इनकार कर दिया. दोपहर 11 बजे तक भी अस्पताल ने बॉडी मोर्चरी में नहीं रखवाई.

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जिला चिकित्सालय हरिद्वार के द्वितीय प्रभारी डॉ चंदन मिश्रा का कहना है कि खुर्शीदा नामक मां अपने मृत बेटे का शव लेकर शाम सात बजे यहां से चली गई थी. जब किसी मृतक के साथ परिजन होते हैं तो शव उन्हें सौंप दिया जाता है. अब उनके घर वाले शव ले रहे हैं या नहीं ले रहे हैं यह उनकी जिम्मेदारी है. ऐसे में बॉडी को वापस लेना भी हमारे लिए संभव नहीं है. अंतिम संस्कार उसके घर वालों को ही करना होगा. अगर इसमें कोई विवाद है तो पुलिस का सहयोग लेकर निपटाया जाए. पुलिस यदि हमें कहती है तो ही हम शव को मोर्चरी में रख सकते हैं. एक बार जब शव परिजनों को सौंप दिया जाता है तो उसमें अस्पताल की भूमिका समाप्त हो जाती है.

Last Updated : Oct 8, 2022, 3:56 PM IST

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