हरिद्वार:उत्तराखंड सरकार द्वारा 10 साल पुराने डीजल वाहनों को हटाए जाने व सीएनजी वाहन चलाए जाने के आदेश को लेकर ऑल इंडिया मोटर ट्रांसपोर्ट कांग्रेस ने विरोध शुरू कर दिया है. ट्रांसपोर्टरों ने सरकार से डीजल वाहनों को चलाने की मांग की है. नहीं तो सीएनजी किट लगाने के लिए लोन देने की मांग की है.
इसको लेकर ट्रांसपोर्टर्स आज परिवहन मुख्यालय देहरादून का घेराव (Siege of Transport Headquarters Dehradun) करेंगे. उन्होंने चेतावनी दी है कि अगर सरकार उनकी मांगें नहीं मानती तो 29 नवंबर को चक्का जाम करेंगे. चक्का जाम एक दिन का होगा या अनिश्चितकालीन यह घेराव के बाद ही तय किया जाएगा. घेराव में हरिद्वार की 45 यूनियन भाग ले रही हैं.
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ऑल इंडिया मोटर ट्रांसपोर्ट कांग्रेस (All India Motor Transport Congress) के जनरल सेक्रेटरी आदेश सैनी सम्राट का कहना है कि सरकार क्या सोच कर इस तरह के नियम कानून बना रही है. इससे छोटे तबके के लोगों के सामने बड़ी परेशानी खड़ी हो जाएगी. सरकार का ये आदेश किसी तालिबानी फरमान से कम नहीं है.
बता दें कि हरिद्वार, ऋषिकेश, रुड़की में डीजल से चलने वाले 10 साल पुराने ऑटो-विक्रम अगले साल 31 मार्च के बाद सड़कों से बाहर कर दिए जाएंगे. संभागीय परिवहन प्राधिकरण (आरटीए) की 22 नवंबर को हुई बैठक में परिवहन विभाग की ओर से तैयार प्रस्ताव पर मुहर लगाई गई. निर्णय लिया गया कि बाकी बचे सभी डीजल वाले ऑटो-विक्रम 31 दिसम्बर 2023 के बाद नहीं चलेंगे.
उत्तराखंड टैक्सी मैक्सी महासंघ भी करेगा घेरावःउत्तराखंड टैक्सी मैक्सी महासंघ और अन्य परिवहन से जुड़े संघों ने 25 नवंबर को प्रदेश में कम्प्यूटर फिटनेस टेस्ट अनिवार्य किए जाने के विरोध में सचिव और आयुक्त परिवहन का उनके कार्यालय में घेराव करने का निर्णय लिया है. मसूरी में उत्तराखंड टैक्सी मैक्सी महासंघ के प्रदेश अध्यक्ष सुंदर सिंह पंवार ने कहा कि 25 नवंबर को परिवहन मुख्यालय में उत्तराखंड की सभी यूनियनों बस, सिटी बस, ट्रक, टैक्सी , मैक्सी (जीप) ऑटो , विक्रम के साथ मिलकर परिवहन सचिव का घेराव करेंगे.