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हरिद्वार: गंगा को स्कैप चैनल घोषित करने के विरोध में पुरोहित, कई संगठनों का मिला समर्थन

उत्तराखंड में पिछली कांग्रेस सरकार ने हरकी पैड़ी पर बहने वाली जलधारा को स्कैप चैनल घोषित कर दिया था और उत्तराखंड की भाजपा सरकार ने कांग्रेस के इसी फैसले को चुनावों में मुद्दा बनाया था. कुछ दिन पूर्व तत्कालीन मुख्यमंत्री रहे हरीश रावत ने इसके लिए गंगा सभा और संतों से माफी भी मांगी थी.

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तीर्थ पुरोहितों को समर्थन

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Published : Sep 25, 2020, 3:20 PM IST

हरिद्वार:हरकी पैड़ी पर बह रही गंगा की जलधारा को स्कैप चैनल घोषित करने के विरोध में राज्य सरकार के खिलाफ पिछले 5 दिनों से धरना दे रहे तीर्थ पुरोहितों के समर्थन में अब कई संस्थाएं और लोग आ रहे हैं. तीर्थपुरोहित सरकार से हरकी पैड़ी में बहने वाली जलधारा को गंगा घोषित करने की मांग पर उड़े हुए हैं.

दरअसल, उत्तराखंड में पिछली कांग्रेस सरकार ने हरकीपैड़ी पर बहने वाली जलधारा को स्कैप चैनल घोषित कर दिया था और उत्तराखंड की भाजपा सरकार ने कांग्रेस के इसी फैसले को चुनावों में मुद्दा बनाया था. कुछ दिन पूर्व तत्कालीन मुख्यमंत्री रहे हरीश रावत ने इसके लिए गंगा सभा और संतों से माफी भी मांगी थी. जिसके बाद सीएम त्रिवेंद्र ने इस संबंध में जल्द ही शासनादेश जारी करने का आश्वासन दिया था. लेकिन आज तक राज्य सरकार हरकी पैड़ी पर बहने वाली जलधारा को गंगा घोषित नहीं कर पाई. जिसके विरोध में तीर्थपुरोहित पिछले पांच दिनों से धरने पर हैं.

पढ़ें-गंगा नदी स्कैप चैनल विवाद को लेकर पुरोहितों ने फिर खोला मार्चा, जनांदोलन की चेतावनी

आज सेवासमिति और कांग्रेस ने भी तीर्थपुरोहितों के धरने को समर्थन दिया और राज्य सरकार से मांग की कि जल्द से जल्द करोड़ों हिंदुओं की धार्मिक भावना और आस्था का ख्याल रखते हुए शासनादेश जारी किया जाए. समर्थन देने पहुंचे कांग्रेस के नेता सतपाल ब्रह्मचारी का कहना है कि हमारी सरकार ने इस शासनादेश के लिए लिखित व मौखिक दोनों रूप में माफी मांग चुकी है लेकिन बीजेपी सरकार अब भी इस शासनादेश को न जाने क्यों टाल रही है. जिस दिन कांग्रेस दोबारा सत्ता में आएगी उस दिन इस शासनादेश को सबसे पहले निरस्त किया जाएगा, यह हमारा वादा है.

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