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हरिद्वार में धर्म संसद का समापन, साधु-संतों ने सनातन वैदिक राष्ट्र निर्माण का लिया संकल्प - धर्म संसद की समाप्ति

धर्मनगरी हरिद्वार में पिछले तीन दिनों से चल रहा धर्म संसद की समाप्ति हो गई. इस धर्म संसद में साधु-संतों ने सनातन वैदिक राष्ट्र निर्माण का संकल्प लिया.

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हरिद्वार में धर्म संसद का समापन

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Published : Dec 19, 2021, 6:36 PM IST

Updated : Dec 19, 2021, 10:17 PM IST

हरिद्वार:भूपतवाला स्थित वेद निकेतन धाम में ब्रह्मलीन स्वामी ब्रह्मानंद सरस्वती और स्वर्गीय बैकुंठ लाल शर्मा 'प्रेम सिंह शेर' की स्मृति में चल रहा तीन दिवसीय धर्म संसद (three day dharm sansad) सनातन वैदिक राष्ट्र के संकल्प (Sanatan Vedic Nation Resolution) के साथ पूर्ण हुआ.

आज धर्म संसद का शुभारंभ अखंड परशुराम अखाड़ा (Akhand Parshuram Akhara) के अध्यक्ष पंडित अधीर कौशिक और उनके शिष्यों के प्राचीन वैदिक शस्त्र कला के प्रदर्शन से हुआ. धर्म संसद में जितेंद्र नारायण सिंह त्यागी (Jitendra Narayan Singh Tyagi) (पूर्व नाम वसीम रिजवी) ने कहा भारत में इस्लामिक जिहादियों ने अगले 20 वर्षों में संपूर्ण हिंदुओं के नरसंहार की तैयारी पूरी कर ली है.

उन्होंने इसी के लिए दिन रात भूखे रह कर अपनी जनसंख्या बढ़ाई है. इस कार्य के लिए उन्हें दुनिया भर के मुसलमानों से धन और साधन मिल रहा है. भारत पर इस्लामिक कब्जा (Islamic occupation of India) होने के बाद इस्लाम पूरी दुनिया की सबसे बड़ी ताकत होगा. इस्लाम के जिहादी पूरी दुनिया का नरसंहार करने में सक्षम होंगे.

हरिद्वार में धर्म संसद का समापन

हिन्दुओं का दुर्भाग्य यह है कि उनका धार्मिक, राजनैतिक और सामाजिक नेतृत्व इस बात को समझने के लिए तैयार ही नहीं है. आज हिन्दू समाज की यह जिम्मेदारी है कि वो इन जिहादियों से स्वयं को बचाते हुए संपूर्ण मानवता की रक्षा (protect humanity) करें. उन्होंने कहा कि ये मेरा संकल्प है कि अब मैं सनातन धर्म की रक्षा (protection of sanatan dharma) के लिए जीऊंगा और सनातन धर्म की रक्षा के लिये मरूंगा. सनातन धर्म के शत्रु ही मेरे शत्रु होंगे.

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धर्म संसद के संकल्प की घोषणा करते हुए महामंडलेश्वर यति नरसिंहानंद गिरि महाराज (Mahamandaleshwar Yeti Narasimhanand Giri Maharaj) ने कहा अब हर हिंदू का लक्ष्य केवल सनातन वैदिक राष्ट्र की स्थापना (Establishment of Sanatan Vedic Nation) होना चाहिए. आज ईसाइयों के 100 के करीब देश हैं, मुसलमानों के 57 हैं और बौद्धों के भी 8 देश हैं. यहां तक कि मात्र नब्बे लाख यहूदियों का भी एक अपना देश इजरायल है. सौ करोड़ हिंदुओ का दुर्भाग्य है कि उनके पास अपना देश कहने के लिये एक इंच भी जगह नहीं है.

उन्होंने कहा अब तक की गलतियों से सबक लेकर हिंदुओं को अपने राष्ट्र के लिए पूरी जान लगानी पड़ेगी. अगर हिंदू के पास इजराइल के जैसा एक राष्ट्र नहीं बना तो हिंदुओं के विनाश को कोई नहीं रोक सकेगा. जब देश का बंटवारा धर्म के आधार पर हुआ तो अब हम सबको यह बात सब नेताओं को समझानी ही पड़ेगी. आज हिंदुओं के नेताओं ने रंग बदलने में गिरगिट को भी पीछे छोड़ दिया है. गिरगिट को तो रंग बदलने में कुछ समय लगता है, पर हिंदुओं के नेता तो चुनाव जीतते ही कट्टर हिंदू से धर्मनिरपेक्ष बन जाता हैं.

हिंदुओं को ऐसे नेताओं को सबक सिखाकर अब अपने अधिकार के लिए लड़ना ही पड़ेगा. धर्म संसद में उपस्थित सभी सनातन धर्म गुरुओं ने सर्वसम्मति से हिंदू समाज से सनातन वैदिक राष्ट्र के निर्माण और अपने अस्तित्व की रक्षा के लिए, अधिक से अधिक बच्चे पैदा करने और अपने बच्चों को धर्म, समाज और परिवार की रक्षा करने लायक बनाने का आह्वान किया.

Last Updated : Dec 19, 2021, 10:17 PM IST

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