हरिद्वार: धर्म संसद हेट स्पीच मामले से जुड़ा एक नया वीडियो सामने आया है, जिसमें हरिद्वार धर्म संसद से जुड़े साधु-संत पुलिस अधिकारी को उन पर मुकदमा दर्ज करने वाले के खिलाफ शिकायती पत्र दे रहे हैं. वीडियो में पूजा शकुन पांडे उर्फ "साध्वी अन्नपूर्णा'' पुलिस अधिकारी को शिकायत पत्र देते हुई कह रही हैं कि "आपको संदेश देना चाहिए कि आप पक्षपाती नहीं हैं." तभी बगल में खड़े यति नरसिंहानंद पुलिस अधिकारी को कहते हैं कि लड़का हमारी तरफ होगा.
बता दें कि बीते दिनों हरिद्वार में धर्म संसद का आयोजन किया गया था, जिसका एक वीडियो काफी वायरल हुआ था. इस वीडियो में कुछ साधु-संतों ने भड़काऊ भाषण दिया (Haridwar Hate Speech) था. वीडियो के आधार पर हरिद्वार के ही एक व्यक्ति ने साधु-संतों समेत नारायण सिंह त्यागी उर्फ वसीम रिजवी के खिलाफ हरिद्वार कोतवाली में मामला दर्ज कराया था.
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लड़का हमारी तरफ होगा !: वहीं मंगलवार को हरिद्वार धर्म संसद स्पीच मामले (Haridwar Dharma Sansad) में साधु-संतों की तरफ से क्रॉस एफआईआर दर्ज कराई गई. हरिद्वार कोतवाली इंचार्ज इंस्पेक्टर राकेन्द्र कठैत को तहरीर देते हुए साध्वी अन्नपूर्णा ने इशारों ही इशारों में कहा कि "आप एक सार्वजनिक अधिकारी हैं और आपको सभी के साथ समान व्यवहार करना चाहिए. हम आपसे यही उम्मीद करते हैं. आप हमेशा जीतें''. वहीं बगल में खड़े यति नरसिंहानंद कहते हैं, ''लड़का हमारी तरफ होगा.'' इसके बाद सब कमरे में जोर-जोर से हंसने लगे.
दरअसल हेट स्पीच प्रकरण में क्रॉस एफआईआर को लेकर संतों ने हरिद्वार कोतवाली इंचार्ज इंस्पेक्टर राकेन्द्र कठैत को तहरीर भी सौंपी थी. धर्म संसद के बाद हरिद्वार में वसीम रिजवी और दो संतों के खिलाफ भड़काऊ भाषण देने के आरोप में मुकदमा दर्ज कराया गया था. इसी के जवाब में साधु-संतों ने क्रॉस FIR दर्ज कराने का फैसला लिया था.
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ये है पूरा मामला:सनातन धर्म की रक्षा और संवर्धन के लिए धर्मनगरी हरिद्वार के वेद निकेतन धाम में 17 से 19 दिसंबर तक तीन दिवसीय धर्म संसद हुई थी. हरिद्वार धर्म संसद (Haridwar dharma sansad) के 4 दिन बाद सोशल मीडिया पर साधु-संतों द्वारा दिए गए बयानों से बवाल मचा गया था. सोशल मीडिया पर इन बयानों की निंदा की गई. धर्म संसद में वक्ताओं पर कथित तौर पर एक विशेष समुदाय के खिलाफ हिंसा की पैरवी की और 'हिंदू राष्ट्र' के लिए संघर्ष के आह्वान का आरोप लगा था. धर्म संसद में 500 के आसपास महामंडलेश्वर महंत थे और 700-800 अन्य संत थे.
धर्म संसद में जूना अखाड़ा महामंडलेश्वर यति नरसिंहानंद गिरि, रुड़की के सागर सिंधुराज महाराज, संभवी धाम के आनंद स्वरूप महाराज, जूना अखाड़ा महामंडलेश्वर स्वामी प्रबोधानंद गिरी, निरंजनी अखाड़े की महामंडलेश्वर अन्नपूर्णा मां, पटना के धर्मदास महाराज शामिल थे. इन सभी ने धर्म संसद में अपने विचारों को रखा था.
25 दिसंबर को दो और संतों पर FIR: 25 दिसंबर को शामिल किए गए दो नामों में महामंडलेश्वर धरमदास (Mahamandaleshwar Dharamdas) और महामंडलेश्वर अन्नपूर्णा भारती (Mahamandaleshwar Annapurna Bharti) का नाम भी शामिल किया गया था.