हरिद्वार:शिव की ससुराल में धूमधाम से हरियाली तीज का पर्व मनाया गया. कोरोना वायरस ने तीज के पर्व की रौनक तो कम कर दिया, लेकिन महिलाओं का उत्साह कम नहीं कर पाया. शिव पुराण के अनुसार हरियाली तीज के दिन भगवान शिव और देवी पार्वती का मिलन हुआ था. इसी मान्यता के अनुसार हरियाली तीज का व्रत और पूजन विवाह और सुखद वैवाहिक जीवन के लिए सबसे उत्तम माना जाता है.
पौराणिक मान्यता के अनुसार इस दिन महादेव और मां पार्वती की पूजा करने से विशेष कृपा मिलती है. हर साल हरियाली तीज का पर्व बड़ी धूमधाम से मनाया जाता है. इस बार कोरोना वायरस की वजह से हरियाली तीज के पर्व की रौनक कम हुई है. लेकिन महिलाओं में इस पर्व को मनाने का उत्साह कम नहीं हुआ है. हरिद्वार में महिलाओं ने तीज के पर्व को बड़े ही हर्षोल्लास के साथ मनाया.
देश भर में आज हरियाली तीज का पर्व मनाया जा रहा है. सुहागिन महिलाओं के लिए इस दिन का बहुत खास महत्व होता है. इस दिन महिलाएं सोलह ऋृंगार कर अपने पति की लंबी उम्र और सुख समृद्धि के लिए व्रत रखती है. सौंदर्य और प्रेम के इस पर्व को सावन तीज भी कहते हैं. हरियाली तीज के दिन महिलाएं पूरी श्रद्धा से भगवान शिव-पार्वती की पूजा करती है. सुहागन स्त्रियों के लिए इस वर्ष की बड़ी महिमा है.
उत्तर भारत में तीज का त्यौहार बड़े धूमधाम से मनाया जाता है. पौराणिक मान्यताओं के अनुसार माता पार्वती ने भगवान शिव को पति के रूप में पाने के लिए कठोर तप किया था. मां पार्वती की कड़ी तपस्या और 108 में जन्म के बाद माता पार्वती ने भगवान शिव को पति के रूप में प्राप्त किया था. मान्यता है कि सावन मास की शुक्ल पक्ष की तृतीया को ही भगवान शंकर ने माता पार्वती को अपनी पत्नी के रूप में स्वीकार किया था. जिसके बाद भगवान शिव और माता पार्वती ने इस दिन सुहागिनों को सौभाग्यवती होने का वरदान दिया.