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स्वामी शिवानंद ने कुंभ मेला कार्यों पर लगाया बंदरबांट का आरोप, मेला अधिकारी पर लगाए गंभीर आरोप

संस्था मातृ सदन ने कुंभ मेला प्राधिकरण की मंशा पर सवालिया निशान लगाया है. मातृ सदन के परमाध्यक्ष स्वामी शिवानंद ने कुंभ में लगे अधिकारियों को अयोग्य तक कह डाला है. उनका कहना है कि सरकार की पहले से मंशा थी कि कुंभ मेले में पैसे की बंदरबांट करनी है. इसलिए ऐसे व्यक्ति को मेले में अधिकारी बनाया गया, जो अनुभव हीन है.

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स्वामी शिवानंद

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Published : Feb 3, 2021, 12:27 PM IST

Updated : Feb 3, 2021, 1:17 PM IST

हरिद्वारः गंगा की अविरलता और निर्मलता की लडाई लड़ने वाली संस्था मातृ सदन ने इस बार मेला प्राधिकरण की मंशा पर सवालिया निशान लगाया है. मातृ सदन के परमाध्यक्ष स्वामी शिवानंद ने कुंभ में लगे अधिकारियों को अयोग्य तक कह डाला है. उनका कहना है कि सरकार की पहले से मंशा थी कि कुंभ मेले में पैसे की बंदर बांट करनी है. इसलिए ऐसे व्यक्ति को मेले में अधिकारी बनाया गया, जो अनुभव हीन है. मातृ सदन ने कुंभ मेला के लिए आश्रम की जमीन पर बने पुल के चले जाने के लिए 1.62 करोड़ रुपए मुआवजे की मांग की है.

स्वामी शिवानंद ने कुंभ मेला कार्यों पर लगाया बंदरबांट का आरोप.

मातृ सदन के परमाध्यक्ष स्वामी शिवानंद इस बार कुंभ मेले के आयोजन को लेकर मुखर हुए है. उन्होंने पत्रकार वार्ता में कहा कि कुंभ के आयोजन को लेकर पहले से तय था कि इस बार कुंभ में केवल पैसे की बंदरबांट की जाएगी. इसलिए कुंभ के आयोजन में ऐसे अधिकारियों को लगाया गया, जिन्हें कुंभ जैसे आयोजन को कराने का कोई भी अनुभव नहीं है.

उन्होंने कहा कि जो निर्माण भी कुंभ 2021 के तहत किए जा रहे हैं, उनकी गुणवत्ता बहुत ही खराब है. उन्होंने अपने आश्रम के निकट बने स्थायी पुल की गुणवत्ता पर सवाल खड़े करते हुए कहा कि उनके द्वारा जब भी ठेकेदार से गुणवत्ता के विषय में पूछा गया तो उसका साफ कहना था कि वे इसके लिए मेलाधिकारी से मिले. इससे साफ जाहिर होता है कि पुल के निर्माण को लेकर भी पैसे की बंदरबांट हुई है.

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अपने आश्रम के निकट बने स्थायी पुल में अपने आश्रम की जमीन जाने का मामला उठाते हुए मातृ सदन के परमाध्यक्ष स्वामी शिवानंद ने कहा कि बिना उनकी अनुमति के उनकी जमीन से मार्ग निकाल दिया गया. जिसके विषय में उनके द्वारा कई बार अधिकारियों को पत्र भी दिया. उन्होंने मामले में 271 मीटर जमीन के तौर पर करीब 1.62 करोड़ रुपए का मुआवजा मांगा है. कहा कि अगर नोटिफिकेशन के बाद भी पैसा नहीं मिला तो वे 12.5 प्रतिशत ब्याज के हिसाब से पैसा लेगें. इसके लिए चाहे उन्हें कोर्ट ही क्यों न जाना पड़े.

Last Updated : Feb 3, 2021, 1:17 PM IST

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