हरिद्वार:काली सेना के संस्थापक स्वामी आनंद स्वरूप को धमकी मिलने के बाद मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी से सुरक्षा की गुहार लगाई है. उन्होंने बताया कि उन्होंने नूपुर शर्मा के पक्ष में एक वीडियो पोस्ट की थी, जिसके बाद से लगातार जान से मारने की धमकी मिल रही है. इस संबंध में स्वामी आनंद स्वरूप ने मुख्यमंत्री को एक पत्र भेजा है.
शाम्भवी पीठाधीश्वर स्वामी आनंद स्वरूप (Shambhavi Peethadheeshwar Swami Anand Swarup) ने मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी (cm pushkar singh dhami ) को पत्र भेजकर बताया है कि उनका सिर्फ एक ही उद्देश्य हिंदू राष्ट्र निर्माण है, जिसके लिए वह हिन्दुओं को जागृत करते हैं. उन्होंने अपने पत्र में लिखा कि पूर्व में भाजपा नेता नूपुर शर्मा के बयान के बाद उन्होंने उनके समर्थन में एक वीडियो पोस्ट की थी, जिसके बाद लगातार से उनको धमकी भरे संदेश और फोन आ रहे हैं. उन्होंने कई बार प्रशासन को इसकी सूचना भी दी है, उसके बावजूद भी कोई सुरक्षा उन्हें उपलब्ध नहीं कराई गई है.
स्वामी आनंद स्वरूप को मिल रही धमकियां स्वामी आनंद स्वरूप का कहना है कि जिस तरह से वह हिंदुओं को जगाने का कार्य कर रहे हैं, उससे कहीं ना कहीं वह जिहादियों की टारगेट पर हैं. कई बार एलआईयू भी फोन करके उन्हें सचेत करती रहती है. उसके बावजूद भी प्रशासन के कानों पर जूं नहीं रेंग रही है. स्वामी आनंद स्वरूप ने कहा कि वह राज्य के बाहर कहीं भी जाते हैं तो उन्हें सुरक्षा उपलब्ध कराई जाती है लेकिन उत्तराखंड में ही सिर्फ उन्हें सुरक्षा नहीं दी जाती.
सीएम से मुलाकात करेंगे निर्मल अखाड़े के साधु-संत:निर्मल अखाड़े के साधु-संतों ने सीएम और डीजीपी से सुरक्षा की गुहार लगाई है. निर्मल अखाड़े के संतों का आरोप है कि पूर्व में अखाड़े से जुड़े कुछ लोग अखाड़े की संपत्ति को खुर्द बुर्द करने में लगे हुए हैं. इनको जब भी निर्मल अखाड़े द्वारा रोका जाता है, तो यह अक्सर धमकियां देना शुरू कर देते हैं. ये लोग पहले ही अखाड़े की कई संपत्तियों पर कब्जा कर चुके हैं और अब हरिद्वार के कनखल स्थित निर्मल अखाड़े के मुख्यालय पर भी इनकी नजर है.
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ऐसे में अखाड़े के अध्यक्ष ज्ञानदेव सिंह समेत तमाम प्रमुख पदाधिकारी इन लोगों के निशाने पर हैं. लिहाजा, सीएम पुष्कर सिंह धामी और उत्तराखंड के डीजीपी को पूरे मामले का संज्ञान लेते हुए अखाड़े की सुरक्षा बढ़ानी चाहिए. निर्मल अखाड़े के संतों ने कहा कि इस संबंध में जल्द ही अखाड़ा परिषद के साथ मिलकर मुख्यमंत्री से मुलाकात भी करेंगे.