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गन्ना किसानों ने बकाया भुगतान को लेकर भूख हड़ताल की दी चेतावनी - लक्सर में गन्ना किसान बकाया भुगतान की मांग को लेकर बीते दिन से धरने पर बैठे हैं

भाकियू ने कुछ दिनों पूर्व प्रशासन को ज्ञापन सौंपकर बकाया भुगतान की मांग की थी. साथ ही चेतावनी भी दी थी कि अगर उनकी मांगें पूरी नहीं होती है तो वे धरना प्रदर्शन के लिए बाध्य होंगे. वहीं, बीते बुधवार से किसान सहकारी गन्ना समिति परिसर में धरने पर बैठे हैं.

गन्ना किसान भवन

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Published : Sep 12, 2019, 1:04 PM IST

लक्सर:भाकियू के बैनर तले गन्ना किसान बकाया भुगतान की मांग को लेकर बीते दिन से धरने पर बैठे हैं. वहीं, भारतीय किसान यूनियन की ओर से कुछ दिन पूर्व एसडीएम को ज्ञापन सौंपकर बकाया भुगतान की मांग की गई थी. लेकिन अभीतक इस मामले में प्रशासन ने कोई कार्रवाई नहीं की है. ऐसे में गन्ना किसानों मांगें पूरी न होने पर जल्द ही भूख हड़ताल की चेतावनी दी है.

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बता दें कि लक्सर शुगर मिल पेराई सत्र 2017 व 2018 के दौरान गन्ना किसानों की दो प्रजातियों को रिजेक्ट घोषित किया गया था. वहीं, पेराई सत्र के बाद मिल प्रबंधन की ओर से किसानों को इन फसलों के बदले 250 व 239 रुपए प्रति कुंतल की दर से भुगतान देने का आश्वासन मिला था. लेकिन अभीतक किसानों को उनका बकाया भुगतान नहीं किया गया है. ऐसे में किसानों ने मिल प्रबंधन और शासन के खिलाफ मोर्चा खोल दिया है.

किसानों ने भूख हड़ताल की दी चेतावनी.

वहीं, भाकियू ने कुछ दिनों पूर्व प्रशासन को ज्ञापन सौंपकर बकाया भुगतान की मांग की थी. साथ ही चेतावनी भी दी थी कि अगर उनकी मांगें पूरी नहीं होती है तो वे धरना प्रदर्शन के लिए बाध्य होंगे. वहीं, बीते बुधवार से किसान सहकारी गन्ना समिति परिसर में धरने पर बैठ हैं. इस मामले में भारतीय किसान संघ के प्रदेश उपाध्यक्ष कुशल पाल सिंह का कहना है कि लक्सर शुगर मिल को किसानों का करोड़ों रुपया भुगतान बकाया है. लेकिन मिल प्रबंधन किसानों का भुगतान नहीं कर रहा है. ऐसे में किसानों को आर्थिक संकट से जूझना पड़ रहा है.

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किसानों का कहना है कि उनके सामने अपना आंदोलन करने के अलावा कोई चारा नहीं बचा है. जबकि, 5 दिन पूर्व संघ ने एसडीएम को ज्ञापन देकर बकाया गन्ना भुगतान की मांग की गई थी लेकिन प्रशासन ने इस मामले में कोई कदम नहीं उठाया है. लिहाजा वह धरने बैठ गए हैं.

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भाकियू का कहना है कि किसानों ने शासन से निर्धारित गन्ना मूल्य की बात कहते हुए मिल को भुगतान का चेक वापस कर दिया गया था. जिसके बाद से मिल पर किसानों का 5.75 करोड़ से अधिक का बकाया है. वहीं, पिछले पेराई सत्र का भी मिल पर करीब 58 करोड़ रुपये का बकाया है. किसानों का कहना है कि मिल प्रबंधन लगातार उनका शोषण कर रहा है.

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