उत्तराखंड

uttarakhand

ETV Bharat / state

पंचतत्व में विलीन हुई सुशीला बलूनी, बेटों ने दी मुखाग्नि, अंतिम विदाई में उमड़ी भीड़

उत्तराखंड गठन में महत्वपूर्ण भूमिका निभाने वाली राज्य आंदोलनकारी सुशीला बलूनी का हरिद्वार में अंतिम संस्कार हो गया. सुशीला बलूनी को उनके बेटों ने मुखाग्नि दी. इस मौके पर सुशीला बलूनी को श्रद्धांजलि देने के लिए विधायक मदन कौशिक, प्रशासनिक अधिकारी समेत कई लोग मौजूद रहे.

Sushila Baluni merged with Panchatatva
पंचतत्व में विलीन हुई सुशीला बलूनी

By

Published : May 10, 2023, 3:32 PM IST

Updated : May 16, 2023, 1:23 PM IST

पंचतत्व में विलीन हुई सुशीला बलूनी

हरिद्वार: उत्तराखंड की पहली राज्य आंदोलनकारी महिला सुशीला बलूनी का बीते दिन हार्ट अटैक से निधन हो गया. जिसके बाद से पूरे प्रदेश में शोक की लहर है. वहीं, आज सुशीला बलूनी का पार्थिव शरीर हरिद्वार लाया गया. जहां खड़खड़ी श्मशान घाट में पूर्ण राजकीय सम्मान के साथ उनका अंतिम संस्कार किया गया. सुशीला बलूनी के पुत्रों ने उन्हें मुखाग्नि दी.

राज्य आंदोलनकारी सुशीला बलूनी का बीते दिन देहरादून के मैक्स अस्पताल में निधन हो गया. आज उनका शरीर हरिद्वार लाया गया. जहां अंत्येष्टि से पूर्व सुशीला बलूनी को श्रद्धांजलि अर्पित की गई. हरिद्वार एडीएम पीएल शाह, एसडीएम पूरन सिंह राणा, नगर विधायक मदन कौशिक और भाजपा नेता रविंद्र जुगराज समेत अनेक राज्य आंदोलनकारियों सहित वक्फ बोर्ड के अध्यक्ष शादाब शम्स ने सुशीला बलूनी को श्रद्धांजलि अर्पित की.

सुशील बलूनी के अंतिम संस्कार में पहुंचे हरिद्वार नगर विधायक मदन कौशिक ने कहा राज्य गठन में उनकी अहम भूमिका रही है. राज्य प्राप्ति में महिलाओं की क्या भूमिका होनी चाहिए, उसमें उनकी विशेष भूमिका रही. साथ ही राज्य बनने के बाद राज्य में महिलाओं के क्या उचित कदम उठाने चाहिए, उसमें में भी उनकी अग्रणी भूमिका रही.
ये भी पढ़ें:राज्य आंदोलन की लड़ाई लड़ने वाली पहली महिला थी सुशीला बलूनी, राजनीति में आजमा चुकी थी हाथ

मदन कौशिक ने कहा भाजपा में शामिल होने के बाद भी वे हमेशा राज्य और विशेष तौर पर महिलाओं के कार्य करती रही. मदन कौशिक ने कहा सुशील बलूनी से उनके बेहद नजदीकी संबंध रहे. बलूनी अपने अंतिम समय तक जनहित के कार्यों में सक्रिय रही.

हरिद्वार एसडीएम पूरण सिंह राणा ने सुशील बलूनी को श्रद्धांजलि दी. उन्होंने कहा उनका जाना पूरे राज्य के लिए क्षति है. उनका पूरा जीवन संघर्ष भरा रहा है. उनके नेतृत्व में ही राज्य प्राप्ति के लिए हो रहे आंदोलन में महिलाओं की पहली भूख हड़ताल हुई थी. वे हम सब राज्य वासियों के लिए एक प्रेरणा थी.

सुशीला बलूनी को मुखाग्नि देने के बाद उनके पुत्र संजय ने कहा आज केवल वे ही नहीं पूरा राज्य दुखी है. उन्होंने कहा राज्य आंदोलनकारियों के सपने का राज्य अभी तक नहीं बना है, लेकिन प्रयास अभी जारी है. इस मौके पर उन्होंने उत्तराखंड के पड़ोसी राज्य हिमाचल का उदाहरण देते हुए कहा, वहां अगर पेपर लीक होता है तो सरकार उसकी जांच सीबीआई को सौंप देती है, लेकिन यहां ऐसा नहीं होता, इसको ठीक करने के लिए राज्य के सिस्टम को ठीक करना होगा.

Last Updated : May 16, 2023, 1:23 PM IST

ABOUT THE AUTHOR

...view details