हरिद्वार:त्रिस्तरीय जिला पंचायत चुनाव से पहले गुरुकुल कांगड़ी सम विश्वविद्यालय (Gurukul Kangri Deemed University, Haridwar) के शिक्षकेतर कर्मचारी संघ और शिक्षक संघ ने प्रशासन की मुश्किल बढ़ा दी हैं. दोनों ही संगठनों ने शनिवार शाम बैठक कर जिला प्रशासन से दो टूक कह दिया है कि कोर्ट के आदेश के अनुसार वे चुनावी ड्यूटी करने के लिए बाध्य नहीं है, क्योंकि विश्वविद्यालय प्रदेश सरकार के अधीन नहीं आते हैं.
गौर हो कि किसी भी चुनाव के दौरान चुनाव को सकुशल संपन्न कराने के लिए शासन और प्रशासन समस्त सरकारी विभागों के कर्मचारियों की ड्यूटी लगाता है. कर्मचारियों को इन आदेशों का पालन भी करना होता है. लोकसभा और विधानसभा का चुनाव तो केंद्र और राज्य सरकार के अधीन होता है, जिसमें सभी सरकारी कर्मचारियों को अनिवार्य रूप से अपनी ड्यूटी देनी होती है, लेकिन जिला पंचायत का चुनाव केवल प्रदेश स्तर का होता है.
इसके लिए विश्वविद्यालय स्तर के कर्मचारियों को इसमें ड्यूटी देने के लिए बाध्य नहीं किया जा सकता. इस बात पर साल 2016 में उच्च न्यायालय ने भी अपनी मुहर लगा दी थी. बावजूद इसके जिला प्रशासन द्वारा गुरुकुल कांगड़ी सम विश्वविद्यालय के स्टाफ को भी पंचायत चुनाव में ड्यूटी देने के लिए कहा गया, जिसका विरोध शुरू हो गया है. विश्व विद्यालय के स्टाफ ने साफ कर दिया कि वह जिला पंचायत चुनाव की ड्यूटी नहीं करेंगे.
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विज्ञान विभाग के एचओडी डॉ. सत्येंद्र राजपूत ने बताया कि पंचायत के चुनाव पंचायती राज एक्ट के तहत कराए जाते हैं, जिसमें प्रदेश सरकार के अधीन आने वाले कर्मचारियों की ही ड्यूटी लगती है. साल 2016 में उच्च न्यायालय द्वारा किए गए सख्त आदेश के बावजूद आगामी त्रिस्तरीय जिला पंचायत चुनाव में गुरुकुल कांगड़ी विश्वविद्यालय के स्टाफ की ड्यूटी जबरन लगा दी गई है, जिसका वो विरोध कर रहे हैं. इस बारे में जिला अधिकारी को भी अवगत करा दिया गया है कि हमारी ड्यूटी लगने के कारण विश्वविद्यालय में चल रहे कोर्स पर गहरा असर पड़ेगा.