हरिद्वार: लोकसभा चुनाव का एलान होने के बाद सभी दलों ने कमर कस ली है. वहीं उत्तराखंड की पांच लोकसभा सीटों में हरिद्वार को हॉट सीट माना जाता है. वहीं इस सीट से उत्तराखंड के पूर्व मुख्यमंत्री डॉक्टर रमेश पोखरियाल निशंक इस वक्त सांसद हैं. इस शहर को धर्म नगरी के नाम से भी जाना जाता है.लिहाजा यहां का सांसद देश और उत्तराखंड की राजनीति में अपना खासा दबदबा रखता है. वहीं सांसद निशंक के बारे में आखिर क्या है जनता की राय, देखिए ईटीवी भारत की खास रिपोर्ट 'सांसद का रिपोर्ट कार्ड'.....
राजनीतिक सफर
हरिद्वार लोकसभा सीट 1977 में बनी थी. साथ ही ये सीट 1997 से 2009 तक शेड्यूल कास्ट के लिए रिजर्व रही. इस सीट में 14 विधानसभाएं सम्मिलित हैं. पूर्व सीएम रमेश पोखरियाल 'निशंक' शुरुआत से ही भाजपा से जुड़े रहे हैं. 1991 में वे पहली बार उत्तर प्रदेश विधानसभा के लिए कर्णप्रयाग निर्वाचन-क्षेत्र से चुने गए. इसके बाद 1993 और 1996 में एक बार फिर से उसी निर्वाचन-क्षेत्र से चुने गए. वर्ष 1997 में उत्तर प्रदेश सरकार में कल्याण सिंह मंत्री मंडल में पर्वतीय विकास विभाग के कैबिनेट मंत्री रहे और 1999 में रामप्रकाश गुप्त की सरकार में संस्कृति एवं धर्मस्व मंत्री रहे.
वर्ष 2000 में उत्तराखण्ड राज्य निर्माण के बाद प्रदेश के पहले वित्त, राजस्व, कर, पेयजल सहित 12 विभागों के मंत्री रहे. वहीं, वर्ष 2007 में उत्तराखण्ड सरकार में चिकित्सा स्वास्थ्य, भाषा और विज्ञान प्रौद्योगिकी विभाग के मंत्री रहे. इसके बाद वर्ष 2009 से 2011 तक प्रदेश के मुख्यमंत्री के रूप में काम किया. वर्ष 2012 में डोईवाला क्षेत्र से विधायक निर्वाचित हुए, जिसके बाद वर्ष 2014 में डोईवाला से इस्तीफा देकर हरिद्वार लोकसभा क्षेत्र से सांसद के रूप में चयनित हुए.
सांसद रमेश पोखरियाल 'निशंक'
जन्म- 15 जुलाई
स्थान- पिनानी ग्राम, पौड़ी गढ़वाल, तत्कालीन उत्तर प्रदेश (अब उत्तराखण्ड)
पढ़ाई- हेमवती नंदन बहुगुणा गढ़वाल यूनिवर्सिटी, श्रीनगर, गढ़वाल से कला स्नातकोत्तर, पीएचडी (ऑनर), डी लिट् (ऑनर)
सांसद के रूप में पहली बार 'निशंक'
सांसद रमेश पोखरियाल 'निशंक' का सांसद के तौर पर ये पहला कार्यकाल है. इससे पहले रमेश पोखरियाल प्रदेश के मुख्यमंत्री भी रह चुके हैं. साथ ही पिछली बार रमेश पोखरियाल 'निशंक' की टक्कर कांग्रेस के कद्दावर नेता पूर्व मुख्यमंत्री हरीश रावत की पत्नी रेणुका रावत से थी. चुनाव में सांसद के खिलाफ बसपा से हाजी मोहम्मद इस्लाम, आम आदमी पार्टी से कंचन चौधरी और सपा से अनिता सैनी चुनाव मैदान में उतरी थी. इन मजबूत दावेदारों के बीच जनता ने अपना भरोसा सांसद रमेश पोखरियाल पर दिखाया और बहुमत देकर उनको विजयी बनाया.
इतने वोटों से की थी जीत हासिल
पिछली बार सांसद रमेश पोखरियाल 'निशंक' को 5 लाख 92 हजार 320 वोट प्राप्त हुए थे. वहीं, रेणुका रावत को 4 लाख 14 हजार 498 वोट प्राप्त हुए थे. सांसद निशंक ने कांग्रेस नेता और पूर्व मुख्यमंत्री हरीश रावत की पत्नी रेणुका रावत को 1 लाख 77 हजार 822 वोटों से हराया था, जोकि अपने आप में एक बड़ी जीत थी.
सांसद निशंक का क्षेत्र में प्रदर्शन
सांसद निशंक के हरिद्वार सीट पर प्रदर्शन की बात की जाए तो कई लोगों का यहां तक दावा होता है कि पिछले 50 सालों में जितना विकास का कार्य नहीं हुआ है उतना निशंक के महज 5 सालों के कार्यकाल में कर दिया गया है. वहीं, जमीनी हकीकत से ताल्लुक रखने वाले लोगों के विचार कुछ अलग दिखाई देते हैं. हरिद्वार में कई महत्वाकांक्षी परियोजनाएं जैसे- अंडरग्राउंड गैस पाइपलाइन, अंडरग्राउंड बिजली लाइन, रिंग रोड आदि शुरू तो हुए, लेकिन लोग बुनियादी सुविधाओं के लिए अभी भी परेशान हैं.
सांसद के गोद लिए गांव
सांसद निशंक ने अपने कार्यकाल के दौरान दो गांव गोवर्धनपुर और जमालपुर कलां को गोद लिया हुआ है. गोवर्धनपुर के लोगों का तो कहना है कि सांसद निशंक के कार्यकाल में गांव का तो विकास हुआ है, वहीं, जमालपुर कलां के लोगों ने गांव में कोई विकास न होने की बात कही है.
लोकार्पण और शिलान्यास
हाल ही में सांसद रमेश पोखरियाल निशंक की मौजूदगी में केन्द्रीय मंत्री नितिन गडकरी ने हरिद्वार के नव निर्मित राष्ट्रीय राजमार्ग और नमामि गंगे परियोजना का शिलान्यास किया. इस परियोजना को तैयार करने के लिए चंडी घाट पर 5 हजार 894 करोड़ की धनराशि दी गई.
सांसद का वोट बैंक
धर्मनगरी कहे जाने वाले हरिद्वार लोकसभा में सांसद से ज्यादा बीजेपी का अपना वोट बैंक बड़ा मजबूत हैं. जनता का सांसद निशंक पर भरोसे के साथ ही बीजेपी पर भी बहुत अच्छा भरोसा है. भाजपा का सबसे ज्यादा बड़ा वोट बैंक संत समाज और तमाम आश्रम, अखाड़े, वैश्य समाज, सैनी समाज और पंजाबी समाज है.
साहित्यिक जीवन
हरिद्वार सांसद रमेश पोखरियाल निशंक राजनीति के साथ ही लेखन में भी अपनी गहरी पकड़ रखते हैं. अब तक सांसद रमेश पोखरियाल के 10 कविता संग्रह, 12 कहानी संग्रह, 10 उपन्यास, 2 पर्यटन ग्रन्थ, 6 बाल साहित्य, 2 व्यक्तित्व विकास सहित कुल 4 दर्जन से अधिक पुस्तकें प्रकाशित हो चुकी हैं.
लोकसभा सीट बनने से लेकर अब तक के सांसद