हरिद्वार: कुंभ कोरोना टेस्ट फार्जीवाड़ा मामले (Kumbh Corona Fake Test) में जांच टीमों का शिकंजा आरोपी कंपनी और दोनों लैबों के खिलाफ कसता जा रहा है. सोमवार को भी एसआईटी (SIT) ने आरोपित कंपनी मैक्स कॉरपोरेट सर्विस (Max Corporate Service) और उसकी अनुबंधित दिल्ली की लाल चंदानी लैब (Lal Chandani Lab) के अधिकारियों के साथ घंटों तक पूछताछ की.
सोमवार को एसआईटी ने मैक्स कॉरपोरेट सर्विस (Max Corporate Services) के पार्टनरों और लाल चंदानी लैब के संचालकों को आमने-सामने बैठाकर पूछताछ की. जानकारी के मुताबिक इस दौरान दोनों ने एक-दूसरे पर आरोप लगाए. एसआईटी ने पहले दोनों को अलग-अगल बैठाकर पूछताछ करने की तैयारी की थी, लेकिन बाद में दोनों को आमने-सामने बैठाकर पूछताछ (SIT inquiry) की गई. ये पूछताछ करीब पांच घंटे तक चली.
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पूछताछ में लाल चंदानी लैब के अधिकारियों की तरफ से कहा गया कि उनके सभी डॉक्यूमेंट सही है, जिसका पूरा रिकॉर्ड उनके पास है. वहीं मैक्स कॉरपोरेट सर्विस इस पूरे मामले से पल्ला झाड़ते हुए नजर आई. एसआईटी के जांच अधिकारी राजेश शाह ने बताया कि सोमवार को मैक्स कॉरपोरेट सर्विस और लाल चंदानी लैब के अधिकारियों को आमने-सामने बैठकार करीब पांच घंटे तक पूछताछ की गई.
जांच अधिकारी शाह के मुताबिक मैक्स कॉरपोरेट सर्विस और लाल चंदानी लैब के अधिकारियों ने एक-दूसरे पर गंभीर आरोप लगाए. लाल चंदानी लैब ने अपनी सफाई में कहा कि उनके सभी डॉक्यूमेंट सही है, जिसका रिकॉर्ड उनके पास है. जिन बिंदूओं पर सवाल खड़े हो रहे हैं. उसको लेकर जब दोनों कंपनियों से पूछताछ की गई तो उन्होंने वे इसका कोई संतोषजनक जवाब नहीं दिया.
जांच अधिकारी शाह ने बताया कि विवेचना के दौरान एसआईटी को कोरोना जांच के दौरान दर्ज कराए कई नंबर फर्जी मिले थे, जिससे अंदाजा लगाया जा सकता है कि लगभग हजारों की संख्या में फोन नंबर सही नहीं है. जिसकी बारीकी से तहकीकात की जा रही है. बता दें कि एसआईटी बीते 11 दिनों से इस मामले में अलग-अलग आरोपित कंपनियों के प्रतिनिधियों से पूछताछ कर रही है.
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गौरतलब हो कि हरिद्वार कुंभ में कोरोना टेस्ट के लिए सरकार के 10 लैब को अधिकृत किया था, जिसके लिए बकायदा टेंडर भी निकाले गए थे. उसी के बाद इन लैबों की चयन किया गया था. इसमें से एक दिल्ली की मैक्स कॉरपोरेट सर्विस कंपनी थी. मैक्स कॉरपोरेट सर्विस कंपनी ने अपनी दो अनुबंधित लैब दिल्ली की लाल चंदानी और हिसार नलवा लैब को कुंभ में कोरोना जांच की जिम्मेदारी दी थी. लेकिन मामला यहां फंस गया है, जब कुंभ के दौरान किए गए करीब एक लाख कोरोना टेस्ट संदेह के घेरे में आ गए.
प्राथमिक जांच में सामने आया था कि लैबों ने एक ही फोन नंबर पर हजारों लोगों का रजिस्ट्रेशन किया था. कई कोरोना जांच में एक ही आधार कार्ड नंबर का इस्तेमाल किया गया है. इसके अलावा एक ही घर में 300-400 लोगों का टेस्ट करने की बात भी सामने आई थी, जो नामुमिकन है. जांच में दो कोरोना टेस्ट संदेह के घेरे में है, उनमें से अधिकाश मैक्स कॉरपोरेट सर्विस की अनुबंधित लैब लाल चंदानी और नलवा लैब के हैं.
जब ये मामला सुर्खियों में आया तो हरिद्वार जिलाधिकारी ने सीडीओ सौरभ गहरवार के नेतृत्व में जांच टीम का गठन किया है. वहीं जिलाधिकारी सी रविशंकर के आदेश पर सीएमओ एसएन झा ने नगर कोतवाली में मैक्स कॉरपोरेट सर्विस, लाल चंदानी और नलवा लैब के खिलाफ मुकदमा दर्ज कराया है. वहीं इस मामले में पुलिस की तरफ से एक एसआईटी भी गठित की गई तो जो मामले की जांच कर रही है.