हरिद्वार: महाकुंभ 2021 में कोरोना जांच में फर्जीवाड़े की जांच (Investigation) अब अंतिम चरण में है. ऐसे में लगातार पूछताछ का दौर जारी है. सोमवार को SIT ने दोनों कंपनी मैक्स और लाल चंदानी से करीब 5 घंटे तक पूछताछ की. साथ ही लालचंदानी और मैक्स को मिलाने वाले बिचौलिया (Mediator) आशीष गोयल से भी SIT ने पूछताछ की थी.
बता दें कि कोरोना जांच फर्जीवाड़े में SIT (Special Investigation Team) की टीम जांच कर रही है. SIT की टीम द्वारा पूछताछ आज भी जारी है. आज सुबह से ही SIT की टीम पूछताछ कर रही है. SIT की मानें तो इस मामले में हरिद्वार के CMO (Chief Medical Officer) डॉ. एसके झा की भूमिका भी जांच के दायरे में हैं.
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बता दें कि, कुंभ के दौरान कोविड जांच के लिए जिन एजेंसियों के साथ अनुबंध किया गया था उन्होंने CMO डॉ. एसके झा की निगरानी में ही टेस्ट किए थे. अब SIT इस पूरे मामले में CMO का क्या रोल रहा है इसके हर पहलू की खोज कर रही है. आपको बता दें कि CMO खुद इस मामले में शिकायतकर्ता रहे हैं.
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SIT के जांच अधिकारी राजेश शाह ने ETV BHARAT से बात करते हुए कहा कि, हमने अब तक किसी को क्लीन चिट नहीं दी है और मामले में शामिल हर व्यक्ति से पूछताछ की जा रही है. उनका कहना है कि आज 3 कंपनियों को पूछताछ के लिए दोबारा बुलाया गया है. सबसे पहले उनसे इंडिविजुअल पूछताछ की जा रही है. उसके बाद तीनों कंपनियों को आमने-सामने बिठाकर पूछताछ की जाएगी.
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SIT के जांच अधिकारी राजेश शाह ने कहा कि अभी इस मामले में कुछ भी बोलना जल्दबाजी होगा. वहीं, जिलाधिकारी सी रविशंकर द्वारा सौरभ अग्रवाल की अध्यक्षता में बनाई गई टीम भी जल्द ही अपनी रिपोर्ट जिलाधिकारी को सौंप देगी.
क्या है मामला
बता दें कि कुंभ मेला 2021 के दौरान हरिद्वार आने वाले श्रद्धालुओं की एक प्राइवेट लैब द्वारा की गई कोरोना जांच अब सवालों के घेरे में आ गई है. क्योंकि कुंभ मेले के दौरान किए गए एक लाख कोरोना टेस्ट रिपोर्ट फर्जी मिले हैं. प्राइवेट लैब द्वारा फर्जी तरीके से श्रद्धालुओं की जांच कर कुंभ मेला प्रशासन को लाखों रुपए का चूना लगाने का प्रयास किया गया है. इस प्राइवेट लैब द्वारा एक ही फोन नंबर को कई श्रद्धालुओं की जांच रिपोर्ट में डाला गया है.यही नहीं, कई जांच रिपोर्ट में एक ही आधार नंबर का इस्तेमाल किया गया है. वहीं, एक ही घर से सैकड़ों लोगों की जांच का मामला भी सामने आया है, जो असंभव सा लगता है. क्योंकि सैकड़ों लोगों की रिपोर्ट में घर का एक ही पता डाला गया है. अब इस मामले में हरिद्वार जिलाधिकारी सी रविशंकर ने जांच कमेटी का गठन कर 15 दिन में रिपोर्ट पेश के आदेश दिए हैं. इस एक दिल्ली की लैब भी थी, लेकिन ईटीवी भारत की पड़ताल में सामने आया कि दिल्ली में लैब का जो पता दिया गया था, वहां पर कोई लैब ही नहीं है.
ऐसा हुआ था खुलासा
हरिद्वार कुंभ में हुए टेस्ट के घपले का खुलासा पंजाब के रहने वाले एक एलआईसी एजेंट (LIC Agent) के माध्यम से हुआ है. पंजाब के फरीदकोट के रहने वाले एक शख्स विपन मित्तल ने हरिद्वार कुंभ में कोविड जांच घोटाले की पोल खोली. विपन मित्तल के मुताबिक उन्हें उत्तराखंड की एक लैब से फोन आया था, जिसमें उन्हें बताया गया कि 'आप की रिपोर्ट नेगेटिव आई है'. जिसे सुनते ही वे भौचक्के रह गए. क्योंकि उन्होंने कोई कोरोना की कोई जांच ही नहीं कराई थी. ऐसे में विपन ने फौरन स्थानीय अधिकारियों को मामले की जानकारी दी. स्थानीय अधिकारियों के ढुलमुल रवैए को देखते हुए विपिन ने तुरंत भारतीय चिकित्सा अनुसंधान परिषद (ICMR) से शिकायत की.
एक किट से हुई 700 से अधिक सैंपलिंग
स्वास्थ्य विभाग से जुड़े सूत्र बताते हैं कि एक ही एंटीजन टेस्ट किट से 700 सैंपल्स की टेस्टिंग की गई थी. इसके साथ ही टेस्टिंग लिस्ट में सैकड़ों व्यक्तियों के नाम पर एक ही फोन नंबर अंकित था. स्वास्थ्य विभाग की जांच में दूसरे लैब का भी यही हाल सामने आता है. जांच के दौरान लैब में लोगों के नाम-पते और मोबाइल नंबर फर्जी पाए गए हैं. इसके बाद यह मामला साफ हो गया कि कुंभ मेले में फर्जी तरीके से कोविड-19 टेस्ट रिपोर्ट नेगेटिव बनाकर आंखों में धूल झोंकने का काम किया गया है.