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ज्ञान गोदड़ी गुरुद्वारे की मांग को लेकर सिख समुदाय का हरकी पैड़ी कूच, पुलिस प्रशासन ने रोका

हरिद्वार में सिखों के पवित्र धार्मिक स्थल ज्ञान गोदड़ी गुरुद्वारे का विवाद काफी पुराना है. ऐसे में हर साल कार्तिक पूर्णिमा के स्नान पर ज्ञान गोदड़ी का मामला गरमा जाता है. इस बार भी ऐसी आशंका के चलते बैरिकेडिंग लगा दिया गया. जहां हरकी पैड़ी कूच करने जा रहे सिख समुदाय के लोगों को रोक दिया गया. दरअसल, आज ही गुरु नानक देव जी का प्रकाश पर्व होता है. सिख समुदाय के लोग कार्तिक पूर्णिमा के दिन हरकी पैड़ी पर अपने पौराणिक ज्ञान गोदड़ी गुरुद्वारे पर अरदास और कीर्तन करना चाहते हैं. ऐसे में कानून व्यवस्था न बिगड़े इसके डर से उस जगह को पूरी तरह से सील कर दिया जाता है.

Gyan Godri Gurdwara
ज्ञान गोदड़ी गुरुद्वारे की मांग

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Published : Nov 8, 2022, 6:09 PM IST

Updated : Nov 8, 2022, 7:35 PM IST

हरिद्वारःसिख समुदाय हरकी पैड़ी स्थित ज्ञान गोदड़ी गुरुद्वारे की मांग करता आ रहा है. इस बार भी सिख समुदाय से जुड़े लोगों ने हरकी पैड़ी कूच किया, लेकिन पुलिस प्रशासन ने उन्हें रास्ते में ही रोक दिया. इस दौरान उन्होंने हमेशा की तरह ही ज्ञान गोदड़ी के मूल स्थान की मांग को लेकर ज्ञापन सौंपा. इससे पहले पुलिस ने हरकी पैड़ी स्थित ज्ञान गोदड़ी गुरुद्वारे के बताए जाने वाले स्थान स्काउट गाइड कार्यालय को बैरिकेडिंग लगाकर सील (Gurudwara Gyan Godri sealed on Kartik Purnima) कर दिया था. उधर, विकासनगर में सिख जत्थे को कुल्हाल बैरियर पर रोक दिया गया.

कार्तिक पूर्णिमा 2022 पर गुरुद्वारा ज्ञान गोदड़ी के मूल स्थान की मांग को लेकर हरकी पैड़ी कूच (Sikh Community marched to Har Ki Pauri) करने जा रहे सिख समाज के लोगों को पुलिस और प्रशासन की टीम ने रास्ते में ही रोक दिया. इस दौरान वे हरकी पैड़ी पर जाकर अरदास करने की मांग पर अड़ गए. साथ ही उन्हें रोके जाने का भी विरोध किया. हालांकि, अफसरों ने उन्हें समझा-बुझाकर शांत किया. इसके बाद सिख समुदाय के लोग तहसीलदार को ज्ञापन सौंपकर वापस लौट गए.
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दरअसल, आज पथरी थाना क्षेत्र के ग्राम दिनारपुर से सिख समाज के लोगों का काफिला रवाना हुआ, लेकिन डांडी चौक पर पहुंचते ही तहसीलदार रेखा आर्य (Tehsildar Rekha Arya) और पथरी थानाध्यक्ष पवन डिमरी ने टीम के साथ बैरिकेडिंग लगाकर काफिले को रोक दिया. जिसको लेकर मौके पर सिख समाज के लोगों ने रोकने का विरोध शुरू कर दिया. हरकी पैड़ी तक जाने देने की मांग पर अड़ गए. काफी देर तक मौके पर हो हल्ले के बाद अधिकारियों ने उन्हें समझाया. जिसके बाद तहसीलदार रेखा आर्य को काफिले में शामिल लोगों ने ज्ञापन सौंपा और वापस लौट गए.

वहीं, सुबा सिंह ढिल्लों और गुरपेज सिंह ने कहा कि गुरुद्वारा ज्ञान गोदड़ी (Gurdwara Gyan Godri) के मूल स्थान को सिख समाज को वापस दिया जाए. इसके लिए सिख समाज का संघर्ष लगातार जारी रहेगा. इस दौरान बलदेव सिंह ढिल्लों, जजपाल सिंह, प्रीत चीमा, मंजीत सिंह, जोगेंद्र सिंह, सादा सिंह चीमा, गुरनाम सिंह आदि शामिल रहे.

विकासनगर में पुलिस से नोक झोंकःउधर, विकासनगर से हरिद्वार कूच करने निकले बब्बर खालसा के जत्थे को पुलिस ने कुल्हाल बैरियर पर रोक लिया. इस दौरान सिख जत्थे की पुलिस से नोक झोंक चलती रही. पुलिस ने सिख जत्थे को समझा-बुझाकर वापस लौटा दिया.

क्या है गुरुद्वारा ज्ञान गोदड़ी मामला: दरअसल, गुरुद्वारा ज्ञान गोदड़ी का मामला कई साल बाद भी नहीं निपट सका है. साल 2009 से हरिद्वार हरकी पैड़ी पर ज्ञान गोदड़ी गुरुद्वारा बनाने की मांग चल रही है. सिख समाज की मांग है कि हरकी पैड़ी पर गुरुद्वारा बनाने के लिए जगह दी जाए. इस मामले में साल 2017 में तत्कालीन मुख्यमंत्री त्रिवेंद्र सिंह रावत ने शहरी विकास मंत्री मदन कौशिक की अध्यक्षता में 14 सदस्यीय कमेटी का गठन किया था, लेकिन आज तक मामले का निपटारा नहीं हो सका है.

सिख समुदाय का दावा है कि हरकी पैड़ी पर श्री गुरु नानक देव महाराज का साढ़े चार सौ साल पुराना प्राचीन गुरुद्वारा ज्ञान गोदड़ी है. दावा है कि साल 1978 में घाटों के सौंदर्यीकरण के नाम पर गुरुद्वारा हटाने की साजिश रची गई और 1984 में गुरुद्वारा तोड़कर वहां बाजार और दुकान बना दी गई. यहां पर सिख समुदाय गुरुद्वारा बनाना चाहता है. ऐसे में साल 2009 के बाद मामले ने तूल पकड़ा. इस मामले में सिखों में बाहरी बनाम स्थानीय की लड़ाई भी चल रही है.

Last Updated : Nov 8, 2022, 7:35 PM IST

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