हरिद्वार:हनुमान जी को संकट मोचन और न्याय प्रिय भगवान माना जाता है. यही कारण है कि देश के लगभग हर इलाके में हनुमान जी को पूजा जाता है. पौराणिक नगरी कनखल में वैसे तो हनुमान जी के कई मंदिर हैं लेकिन यहां एक ऐसा मंदिर भी है जिसकी अपनी एक विशेषता है. मान्यता है कि ये हनुमान मंदिर मुकदमा जिताऊ है. अगर किसी को फर्जी मुकदमे में फंसाया गया हो और उसका मुकदमा सालों में भी न निपटा हो, तो इस मंदिर में आकर भगवान हनुमान के चरणों में लिखित अरदास लगाने मात्र से उसके मुकदमे निपट जाते हैं.
बॉलीवुड के हीरो भी लगा चुके अर्जी: यही कारण है कि बॉलीवुड के कई अभिनेता न केवल यहां अरदास लगा चुके हैं, बल्कि इसके बाद उन्हें मुकदमों से छुटकारा भी मिला है. हनुमान जी का यह मंदिर मध्य सत्रहवीं शताब्दी में औरंगजेब से छुटकारा पाने के लिए हरिद्वार के एक प्रकांड पंडित ने स्थापित किया था, जिसके बाद एक निश्चित समय में औरंगजेब की मृत्यु हो गई थी और लोगों को उसके आतंक से छुटकारा मिला था.
औरंगजेब की मौत से भी जुड़ा रहस्य: 17वीं शताब्दी के सबसे क्रूर मुगल शासक रहे औरंगजेब की मौत कोई साधारण मौत नहीं थी. उसकी मौत के पीछे भी एक बड़ी कहानी है. आपको बता दें कि उसकी क्रूरता ही उसकी मौत की वजह बनी थी. वह भी एक उस वक्त के प्रकांड विद्वान ब्राह्मण और ज्योतिषाचार्य के जपतप ने ही क्रूर शासक को मौत की नींद सुला दिया था.
औरंगजेब ने ज्योतिष पर कर दिया था राजद्रोह का मुकदमा: बताया जाता है की हरिद्वार के इस ब्राह्मण के ऊपर राजद्रोह का मुकदमा कर दिया गया था. 17वीं शताब्दी में उन विद्वान ज्योतिष ने औरंगजेब की मौत के लिए बाकायदा गुप्त रूप से एक हनुमान मंदिर की स्थापना की और औरंगजेब की मृत्यु के लिए 40 दिन तक तांत्रिक अनुष्ठान करवाया. 40 वें दिन जैसे ही अनुष्ठान सम्पन्न हुआ, कहा जाता है कि वैसे ही औरंगजेब की मौत हो गई थी. यह मंदिर आज भी हरिद्वार के कनखल की तंग गलियों में मौजूद है और मुकदमा जिताओ हनुमान जी के मंदिर के नाम से देश ही नहीं दुनिया में प्रसिद्ध है.
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हरिद्वार के कनखल में स्थित यह मंदिर देखने में भले ही साधारण सा है और दूसरे मंदिरों जैसा ही लगता है, मगर मान्यता है कि यह बहुत सिद्ध मंदिर है. किसी भी प्रकार के मुकदमे में फंसे व्यक्तियों के लिए तो जैसे साक्षात हनुमान जी उनकी रक्षा के लिए यहां विराजमान रहते हैं.