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हरिद्वार के शिक्षकों ने बोर्ड को नहीं भेजे 139 छात्रों के आंतरिक मूल्यांकन अंक, प्रधानाचार्य समेत 17 शिक्षक सस्पेंड - Haridwar Result News

सीबीएसई बोर्ड परीक्षा में हरिद्वार के 139 छात्रों के कम नंबर आए. जब पड़ताल की गई तो पता चला कि बाल मंदिर सीनियर सेकेंडरी स्कूल सेक्टर 1 के प्रधानाचार्य और शिक्षकों ने घोर लापरवाही की है. इन लोगों ने छात्रों के आंतरिक मूल्यांकन के नंबर बोर्ड को भेजे ही नहीं थे. प्रधानाचार्य समेत 17 शिक्षक सस्पेंड कर दिए गए हैं.

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हरिद्वार रिजल्ट समाचार

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Published : May 19, 2023, 11:21 AM IST

हरिद्वार: बच्चों को अच्छी शिक्षा देकर और अच्छे मार्क्स के लिए प्रेरित करने वाले शिक्षक भी कभी-कभी बच्चों के कम मार्क्स का आने का कारण बन जाते हैं. ऐसा हम इसलिए नहीं कह रहे हैं कि शिक्षक द्वारा पढ़ाया जाना बच्चों को समझ नहीं आता, बल्कि हरिद्वार में एक अजीब ही मामला सामने आया है.

139 छात्रों के आंतरिक मूल्यांकन के मार्क्स बोर्ड को नहीं भेजे: बताया जा रहा है कि हरिद्वार में 139 बच्चों के कम मार्क्स आने के जिम्मेदार बच्चे नहीं, बल्कि शिक्षक हैं. दरअसल हरिद्वार के बाल मंदिर सीनियर सेकेंडरी स्कूल सेक्टर 1 में दसवीं के छात्रों के कम नंबर आए. जिसके बाद जांच की गई तो पाया कि स्कूल की ओर से आंतरिक मूल्यांकन के नंबर ही रिजल्ट में नहीं चढ़ाए गए हैं. जिसके बाद मामला प्रबंधक तक पहुंचा. प्रबंधक द्वारा कार्रवाई की गई. जिसके बाद प्रधानाचार्य समेत 17 शिक्षकों को शिक्षा प्रबंधक बोर्ड ने सस्पेंड कर दिया है और सीबीएसई बोर्ड को पत्र लिखकर बच्चों के मार्क्स बढ़ाने के लिए अनुरोध किया गया है.

प्रधानाचार्य समेत 17 लापरवाह शिक्षक सस्पेंड: मैनेजमेंट बोर्ड के सचिव अनूप गोयल ने बताया कि शिक्षकों द्वारा प्रैक्टिकल के नंबर सीबीएसई बोर्ड को नहीं भेजे गए जो कि दसवीं के छात्रों के रिजल्ट में नहीं जुड़े. इससे बच्चों के नंबर काफी कम आए. अब कार्रवाई करते हुए प्रधानाचार्य समेत 17 शिक्षक सस्पेंड किए गए हैं. वहीं सीबीएसई बोर्ड को पत्र लिखकर बच्चों के भविष्य को देखते हुए नंबर बढ़ाने के लिए अनुरोध किया गया है. इसी के साथ अध्यापकों की ओर से भी इसे अपनी भूल मानते हुए गलती स्वीकार की गई है.
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वहीं जानकारी के अनुसार कुछ राजनीतिक व्यक्तियों ने भी बच्चों के भविष्य को देखते हुए सीबीएसई बोर्ड और केंद्रीय शिक्षा मंत्री को पत्र भेजकर छूटे प्रैक्टिकल नंबर जोड़ने की मांग करते हुए पत्र लिखा है. ऐसा बताया जा रहा है कि अभी बच्चों के पेरेंट्स अपनी समस्या लेकर उनके पास गए थे.

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