उत्तराखंड

uttarakhand

ETV Bharat / state

कोरोना संक्रमण को लेकर हरिद्वार के वैज्ञानिक का बड़ा दावा, कुंभ को बताया बड़ी वजह - Research in Gurukul Kangri University regarding Haridwar Kumbh

गुरुकुल कांगड़ी विश्वविद्यालय के वैज्ञानिक ने शोध कर बताया है कि देश में कुंभ मेले कारण ही कोरोना संक्रमण तेजी से फैला है. वहीं, संत समाज और बीजेपी इस शोध का खंडन कर रही है.

scientists-of-gurukul-kangri-university-claimed-that-corona-infection-spread-rapidly-due-to-kumbh-mela
कोरोना संक्रमण को लेकर वैज्ञानिकों का बड़ा दावा

By

Published : May 22, 2021, 9:31 PM IST

Updated : May 22, 2021, 10:59 PM IST

हरिद्वार: कुंभ और कोरोना को लेकर इन दिनों देशभर में हल्ला मचा हुआ है. साधु-संत से लेकर तमाम राजनीतिक दल इस मामले में खुलकर बयानबाजी कर रहे हैं. हर कोई कुंभ और कोरोना को अपने-अपने तरीके से डिफेंड कर रहा है. वहीं, इस मामले में गुरुकुल कांगड़ी विश्वविद्यालय के सूक्ष्म जीव विज्ञान विभाग के वैज्ञानिक रमेश चंद्र दुबे ने कई दिनों तक शोध करने के बाद बड़ा दावा किया है. उन्होंने हरिद्वार में कुंभ मेले को कोरोना संक्रमण का सबसे बड़ा कारण बताया है.

कोरोना संक्रमण को लेकर हरिद्वार के वैज्ञानिक का बड़ा दावा

गंगा स्नान से तेजी से फैला संक्रमण

वैज्ञानिक रमेश चंद्र दुबे बताया कुंभ मेले में गंगा स्नान से कोरोना संक्रमण अत्यधिक तेजी के साथ फैला. कुंभ मेला हरिद्वार कोरोना संक्रमण को फैलाने का एक प्रमुख कारण रहा. जिसके कारण कोरोना संक्रमित होने की वजह से कुंभ में आए कई साधु अपनी जान गंवा बैठे. गुरुकुल कांगड़ी विश्वविद्यालय के सूक्ष्म जीव विज्ञान के वैज्ञानिक रमेश चंद्र दुबे का कहना है कि उनके द्वारा एक शोध किया गया है. जिसमें इस बात की स्टडी की गई.

कोरोना संक्रमण को लेकर वैज्ञानिकों का बड़ा दावा

कुंभ और चुनाव में नहीं किया गया गाइडलाइन का पालन

उन्होंने बताया कुंभ मेले में श्रद्धालु और साधु संत बड़ी संख्या में शामिल हुए. इसके साथ ही कई राज्यों में चुनाव भी हुए. उसमें भी भारी भीड़ जुटी. इससे कोरोना महामारी बड़े पैमाने पर फैली. इन सभी इवेंट्स में गाइडलाइन की कही भी पालन नहीं हुआ.

दूसरे हिस्सों में गए साधु-संतों से फैला संक्रमण

हरिद्वार में भी गंगा स्नान करने पहुंचे साधु-संतों, श्रद्धालुओं ने भी सोशल डिस्टेंसिंग का पालन नहीं किया. जिसके कारण कई संतों ने अपनी जान गंवाई, साथ ही कई साधु-संत कोरोना संक्रमित हुए. यहां से निकलकर देश के दूसरे हिस्सों में गये साधु-ंसतों ने कोरोना संक्रमण फैलाया होगा.

कोरोना संक्रमण को लेकर वैज्ञानिकों का बड़ा दावा

पानी, नमी और कम तापमान में अधिक रहता है वायरस

वैज्ञानिक रमेश चंद्र दुबे का कहना है कि कोरोना वायरस का थर्मल डेथ प्वाइंट और थर्मल स्टेबिलिटी प्वाइंट अलग अलग हैं. जब वातावरण ड्राई होगा, तब यह वायरस कम जीवित रह सकता है. जैसे तापमान ज्यादा है और खुश्क है तो यह वायरस सिर्फ चार पांच दिन जीवित रह सकता है. इसके विपरित पानी, नमी और कम तापमान में यह वायरस 25 से 28 दिन तक जीवित रह सकता है.

पानी, मानव शरीर से तेजी से फैला संक्रमण

गुरुकुल कांगड़ी विश्वविद्यालय के सूक्ष्म जीव वैज्ञानिकों का मानना है कि कुंभ मेला हरिद्वार में गंगा तट पर जुटे लाखों लोगों की मौजूदगी और गंगा स्नान कोरोना संक्रमण की मुख्य वजह रही. क्योंकि वहां पर उसे जीवित मानव शरीर मिला. जिससे वह फैलता ही चला गया. उत्तराखंड और अन्य जगहों यह संक्रमण तेजी के साथ चला गया. जिससे ये लोगों की बीमारी और मौत का कारण बना.

शोध पर छिड़ा संग्राम, साधु-संत ने बताया गलत

वहीं, इस शोध को साधु-संत गलत बता रहे हैं. निरंजनी अखाड़े के सचिव महंत रविंद्रपुरी का कहना है कि कुंभ मेले में यज्ञ, हवन अनुष्ठान किए जाते हैं. कुंभ मेले में आए सभी नागा संन्यासी और साधु-संत अपना धुनी लगाते हैं. हवन करने से वातावरण शुद्ध होता है. हवा में जितने भी कीटाणु होते हैं, वह नष्ट हो जाते हैं. इस पर शोध भी हुआ है. कोरोना महामारी कुंभ से नहीं फैली है. कुंभ मेले में कोरोना नहीं था. जब कुंभ समाप्त हुआ तब एक बार फिर से कोरोना तेजी से फैला है.

शोध के सवाल पर कन्नी काट गये मदन कौशिक

बता दें उत्तराखंड के पूर्व मुख्यमंत्री त्रिवेंद्र सिंह रावत ने कुंभ मेले पर कई तरह की पाबंदियां लगाई गई थी. नए मुख्यमंत्री तीरथ सिंह रावत ने सत्ता संभालते ही सभी पाबंदियों को हटा दिया था. कुंभ मेले को आयोजित कराने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाने वाले हरिद्वार से विधायक, बीजेपी प्रदेश अध्यक्ष कुंभ मेले को लेकर लगातार मुखर रहे हैं, मगर आज जब उनसे सूक्ष्म जीव वैज्ञानिक द्वारा किये गये शोध को लेकर सवाल किया गया तो उन्होंने इस सवाल से कन्नी काट ली.

शोध में क्या पाया गया
सूक्ष्म जीव वैज्ञानिक के शोध में पाया गया है कि जल में कोरोना वायरस लंबे समय तक जीवित रहता है. जब मनुष्य उस जल में स्नान करता है तो वह उसके शरीर में प्रवेश कर जाता है, फिर यह संक्रमण तेजी के साथ अन्य लोगों में भी फैलता है. कोरोना काल में हरिद्वार में कुंभ मेला आयोजित किया गया. जिस पर कोरोना संक्रमित साधु या अन्य श्रद्धालु जिन्होंने गंगा में स्नान किया उनकी वजह से यह संक्रमण ज्यादा फैला है.

Last Updated : May 22, 2021, 10:59 PM IST

ABOUT THE AUTHOR

...view details