हरिद्वार: कुंभ मेला शुरू होने में अब कुछ ही दिन शेष बचे हैं, मगर अभी भी कुंभ के कई कार्य अधूरे पड़े हैं. इसे लेकर लगातार अखाड़ा परिषद द्वारा नाराजगी दर्ज कराई जा रही है. साथ ही अखाड़ों में की जाने वाली व्यवस्था से भी संत समाज नाराज नजर आ रहा है. कुंभ मेले में अखाड़ों के लिए लगने वाली छावनी में मेला प्रशासन द्वारा मूलभूत सुविधाएं नहीं दी गई हैं. जिसके कारण संतों में आक्रोश है. अखाड़ों द्वारा छावनी का कार्य अलग से करवाया जा रहा है.
कुंभ मेले में सभी अखाड़ों द्वारा छावनियां बनाई जाती हैं. जिसमें उनके अखाड़ों के साधु संत निवास करते हैं. बड़ी संख्या में साधु-संत छावनी में रहते हैं. सभी तरह के अखाड़ों की छावनी में मूलभूत सुविधाएं मेला प्रशासन द्वारा दी जाती हैं. मगर इस बार मेला प्रशासन द्वारा अखाड़ों की छावनी में अभी तक मूलभूत सुविधा नहीं दी गई है. जिससे संतों में नाराजगी देखने को मिल रही है. बड़े अखाड़े के श्री महंत महेश्वरदास का कहना है कि अखाड़ों द्वारा छावनियों में पूरी तैयारियां की जा रही हैं. सभी आवश्यक वस्तुओं की खरीदारी की जा रही है. साथ ही अखाड़ों की धर्म ध्वजा लगने की तैयारी भी पूरी हो चुकी है.
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छावनियों में देवताओं की स्थापना की जाएगी, मगर यह सभी तैयारी अखाड़े खुद से ही कर रहे हैं. मेला प्रशासन का इसमें कोई भी सहयोग अखाड़ों को नहीं मिला है. ऐसा लगता है कि मेला प्रशासन मेला कराने के मूड में ही नहीं है. उन्होंने कहा यह बड़ी दुर्भाग्यपूर्ण स्थिति है क्योंकि मेला प्रशासन द्वारा ना तो कोई यात्री निवास बनाए गए हैं, न ही पानी और शौचालय की व्यवस्था की गई है. यह सभी व्यवस्था अखाड़े अपने स्तर पर ही कर रहे हैं.