हरिद्वार:लोकसभा चुनाव 2024 को लेकर उत्तराखंड में अभी से राजनीतिक दल सक्रिय हो गए हैं. लोकसभा चुनाव की बात करें तो उत्तराखंड में 5 संसदीय सीटें हैं. वहीं, इन सीटों में सबसे ज्यादा हरिद्वार लोकसभा सीट पर सभी राजनीतिक पार्टियों की निगाहें जमी हुई हैं. यही नहीं, धर्मनगरी होने के कारण इस बार संत समाज भी हरिद्वार से टिकट दावेदारी की रेस में शामिल है.
राजनीतिक पार्टियों की मुश्किल बढ़ाएगा संत समाज: उत्तराखंड में हरिद्वार लोकसभा सीट पर इस बार टिकट को लेकर कांग्रेस और बीजेपी में माथापच्ची देखने को मिल सकती है, जिसको लेकर दोनों दलों को कई महीनों पहले से ही हरिद्वार सीट पर उम्मीदवार को लेकर पहल करनी होगी. हालांकि, वर्तमान में हरिद्वार सीट से बीजेपी के सांसद हैं, लेकिन 2024 चुनाव के लिए उनकी राह में संत समाज खड़ा दिख रहा है.
पार्टियों को चाहिए संतों का साथ: हरिद्वार लोकसभा सीट के लिए संतों का साथ कितना जरूरी होने वाला है, ये सभी राजनीतिक पार्टियां जानती हैं. यही कारण है कि सभी संतों को लुभाने में लगे हैं. इसका जीता जागता उदाहरण तब देखने के लिए मिला जब प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के मन की बात का 100वां एपिसोड प्रसारित हुआ था. इस दौरान वर्तमान सांसद संतों के बीच पहुंचे और पीएम मोदी की मन की बात कार्यक्रम को सुना.
बीजेपी दिग्गज के सामने हरदा-हरक भी: वहीं, दूसरी ओर हरिद्वार सीट पर कांग्रेस के दो कद्दावर नेता भी आमने-सामने हैं. पूर्व सीएम हरीश रावत और पूर्व कैबिनेट मंत्री हरक सिंह रावत सहित कई नामचीन चेहरे यहां से टिकट पाने की राह देख रहे हैं. ऊपर से संत समाज टिकट मांग रहा है. फिलहाल आलम ये है कि कांग्रेस और बीजेपी में अभी से टिकट को लेकर मारामारी शुरू हो गई है.
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लोकसभा चुनाव लड़ने के मूड में संत: हरिद्वार लोकसभा सीट से संतों के चुनाव लड़ने की मांग जोर पकड़ने लगी है. संत बाहुल्य शहर होने के कारण हरिद्वार में बड़ी संख्या में साधु समाज रहता है, जिसको आधार बनाते हुए यह मांग उठने लगी है कि 2024 लोकसभा चुनाव में हरिद्वार से प्रत्याशी संत समाज के बीच से ही होना चाहिए, चाहे वो किसी भी पार्टी का क्यों न हो.
संतों का हरिद्वार से टिकट मांगने का कारण: संतों के अनुसार, संत समाज से प्रत्याशी बनाने की मांग के पीछे का कारण ये है कि चुनाव जीतने के बाद जनप्रतिनिधियों द्वारा संत समाज की सुनवाई नहीं की जाती है जबकि साधु-संत पूरे समाज के लिए कार्य करते हैं. संतों ने किसी राजनीतिक दल के टिकट न दिए जाने पर खुद का प्रत्याशी मैदान में उतारने का ऐलान किया है. हरिद्वार की धार्मिक छवि को धूमिल होने से बचाने का हवाला देते हुए संतों ने इस लोकसभा चुनाव में हरिद्वार से संत को टिकट दिए जाने की जिद पकड़ ली है.
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क्या संतों में नाराजगी है? हिंदू रक्षा सेना के राष्ट्रीय अध्यक्ष प्रबोधानंद गिरि ने कहा हरिद्वार एक आध्यात्मिक नगरी है लेकिन पिछले जनप्रतिनिधि हरिद्वार की धार्मिक छवि की रक्षा करने में नाकाम रहे हैं. वहीं, साधु-संतों के टिकट की मांग पर वर्तमान सांसद रमेश पोखरियाल निशंक ने प्रतिक्रिया दी है. उन्होंने कहा कि, साधु संत जो चाहे कर सकते हैं, यह देश साधु संतों के आशीर्वाद से ही चल रहा है और उनको भी समय-समय पर साधु संतों का आशीर्वाद मिलता रहा है.
हरिद्वार से संतों ने की टिकट की मांग: बीजेपी के अलावा, कांग्रेस से जुड़े साधु-संत भी हरिद्वार से टिकट दिए जाने की मांग करते दिखाई दे रहे हैं. जयराम आश्रम के पीठाधीश्वर ब्रह्मस्वरूप ब्रह्मचारी भी हरिद्वार के संतों का समर्थन करते दिखे. उन्होंने कहा कि, संतों की समस्याओं को उनसे बेहतर कोई नहीं समझ सकता. इतना ही नहीं, धर्मनगरी हरिद्वार में धार्मिक मेले और कुंभ के आयोजन होते हैं. ऐसे में संत ही इन मेलों और हरिद्वार की व्यवस्थाओं को समझ कर कार्य कर सकता है. आज इतने सालों में हरिद्वार को जो ऊंचाइयां मिलनी चाहिए थी, वो अब तक नहीं मिल पाई है. इसलिए इस बार संतों को जो भी पार्टी टिकट देती है उसका समर्थन सभी संतों द्वारा किया जाएगा.
हालांकि, ऐसा नहीं है कि सभी संत टिकट दिए जाने की मांग कर रहे हैं. वरिष्ठ महामंडलेश्वर स्वामी हरि चेतन आनंद महाराज कहते हैं कि संतों को गंगा, धर्म और आस्था में विश्वास रखने वाला व्यक्ति चाहिए. इसलिए अगर कोई संत ये कहता है कि इस बार टिकट किसी संत को मिले तो यह वाजिब नहीं है. खड़दर्शन संत समाज भी सही प्रत्याशी के पक्ष में अपनी आवाज उठा रहे हैं.
हरिद्वार सीट पर दावेदारी:लोकसभा चुनाव 2024 को लेकर अगर कांग्रेस की बात की जाए तो पूर्व सीएम हरीश रावत और पूर्व कैबिनेट मंत्री हरक सिंह रावत अभी से हरिद्वार सीट पर अपनी ताल ठोंकते नजर आ रहे हैं. इतना ही नहीं, हरक रावत ने तो साफ कह दिया है कि अगर मां गंगा उन्हें हरिद्वार में सेवा करने का मौका देती हैं तो वह हरिद्वार को ऊंचाइयों तक लेकर जाएंगे, जिसका वो हकदार है.
हरिद्वार में हरदा की बढ़ी सक्रियता: उधर, लोकसभा चुनाव को देखते हुए इन दिनों हरिद्वार में पूर्व सीएम हरीश रावत की सक्रियता भी बढ़ती दिख रही है, जिसे देखकर कहा जा सकता है कि हरीश रावत 2024 लोकसभा चुनाव में एक बार फिर से हरिद्वार सीट से चुनाव लड़ना चाहते हैं. हालांकि, इसको लेकर जब हरीश रावत से सवाल पूछा गया तो उन्होंने कहा अभी 2024 दूर है और 'नो कमेंट' कहते हुए बात को टाल दिया.