हरिद्वार: एक तरफ जहां नागरिकता संशोधन कानून-2019 के विरोध में पूरा देश सुलग रहा है. शुक्रवार को हरिद्वार में साधु-संतों ने नागरिकता संशोधन कानून के समर्थन में रैली निकाली. यह रैली हरकी पैड़ी से शुरू होकर सिटी मजिस्ट्रेट कार्यालय तक गई, जहां उन्होंने सिटी मजिस्ट्रेट को एक ज्ञापन सौंपा और सभी संप्रदाय के लोगों से शांति बनाए रखने की अपील की.
CAA के समर्थन में साधु-संतों की रैली साधु-संतों के साथ आम नागरिकों ने इसी रैली में हिस्सा लिया. हरिद्वार में साधु-संतों ने कहा कि नागरिकता संशोधन कानून में ऐसा कुछ नहीं है, जिससे मुस्लिम भाइयों को परेशान होना पड़े. यह कानून किसी भी तरीके से मुसलमानों के विरोध में नहीं है. इस कानून की वजह से किसी भी धर्म के व्यक्ति को देश में कही भी कोई परेशानी नहीं होगी.
पढ़ें- डोबरा-चांठी का निर्माण अंतिम चरण में, नए साल पर मिलेगी जनता को सौगात
साधु-संतों ने कहा कि इस कानून की वजह से केवल उन राजनैतिक दलों को परेशानी हो रही है जो इसके नाम पर राजनीतिक रोटियां सेंकना चाहते हैं. यह धर्म और संस्कृति के आधार पर एक बहुत ही अच्छा कानून है, इसका स्वागत किया जाना चाहिए. कुछ राजनीतिक पार्टियां मुस्लिम भाइयों को गुमराह कर रही हैं. लेकिन मुस्लिम भाइयों को गुमराह नहीं होना चाहिए.
बता दें कि नागरिकता संशोधन कानून के खिलाफ देश भर में प्रदर्शन जारी है. शुक्रवार को दिल्ली और यूपी के कई जिलों में जमकर बवाल हुआ. इस हिंसक प्रदर्शन में कई लोगों मौत हो गई है.
क्या है नागरिक संशोधन कानून
संसद में पास होने और राष्ट्रपति की मुहर लगने के बाद नागरिक संशोधन कानून बन गया है. सिटीजनशिप अमेंडमेंट एक्ट की मदद से पाकिस्तान, अफगानिस्तान, बांग्लादेश और आस-पास के देशों में धार्मिक उत्पीड़न के कारण वहां से भागकर आए हिंदू, ईसाई, सिख, पारसी, जैन और बौद्ध धर्म के लोगों को भारत की नागरिकता दी जाएगी. इस एक्ट में मुस्लिम धर्म के लोगों को शामिल नहीं किया गया है.