हरिद्वार: धर्मनगरी हरिद्वार में 2021 में होने वाले कुंभ के आयोजन की तैयारियां लंबे समय से की जा रही हैं. देशभर में जारी लॉकडाउन का असर हरिद्वार में कुंभ की तैयारियों पर भी पड़ा है. ऐसे में हरिद्वार के साधू-संतों ने साल 2022 में कुंभ के आयोजन की बात कही है.
कुंभ 2021 को लेकर साधू-संतों की राय. हर 12 साल में महाकुंभ और 6 साल में अर्धकुंभ के भव्य मेले का आयोजन किया जाता रहा है. इस बार पंचांग की तिथि के अनुसार कुंभ का आयोजन 2021 में तय हुआ है. साल 2010 में कुंभ का आयोजन किया गया था. जिसके बाद हरिद्वार में 2016 में अर्धकुंभ का आयोजन किया गया. इस हिसाब से छह साल बाद यानि साल 2022 में कुभ का आयोजन होना था.
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वहीं, बड़े-बड़े ज्योतिषाचार्य और संतों की सहमति व ग्रह नक्षत्रों के अनुसार कुंभ 2021 में होने जा रहा है. वहीं, कोरोना महामारी को देखते हुए अगले साल होने वाले कुंभ के आयोजन के लेकर अब साधू-संतों ने सवाल उठाये हैं. संतों का कहना है कि लॉकडाउन के चलते अगले साल कुंभ का आयोजन किया जाना संभव नहीं है.
हरिद्वार के प्राचीन अवधूत मंडल आश्रम के महंत रुपेंद्र महाराज ने कुंभ के आयोजन को बहुत ही छोटे स्वरूप में करने की मांग उठाई है. उन्होंने कहा कि 2021 के कुंभ में आने वाले तीर्थ श्रद्धालुओं पर रोक लगा दी जाये. साथ ही आखड़ों के सभी संतों को भी सड़क मार्ग द्वारा निकलने वाली शोभा यात्राओं पर भी रोक लगनी चाहिये. उन्होंने कहा कि शाही स्नान में सिर्फ आखड़ों के मुख्य संतों को ही स्नान करने की अनुमति देनी चाहिये.
वहीं, गंगा की निर्मलता व अविरलता की लड़ाई लड़ने वाली संस्था मात्र सदन के प्रमुख स्वामी शिवानंद का कहना है कि जिस तिथि व ग्रह नक्षत्र के अनुरूप कुंभ का आयोजन 2021 में किया जाना है, ऐसी स्थिति 2022 में भी देखी जा रही है. उन्होंने कुंभ के आयोजन को 2022 में कराने की मांग की है. स्वामी शिवानंद ने कहा कि साल 2021 में कुंभ का आयोजन होना संभव नहीं है.