हरिद्वार: धर्मनगरी में महाकुंभ का आगाज हो चुका है और नागा संन्यासी के साथ आस्था का महाकुंभ देश-दुनिया में आकर्षण का केंद्र बना हुआ है. मेला क्षेत्र में जुटे ये साधु-संन्यासी लोगों के आकर्षण का केंद्र बने हुए हैं.
शरीर पर भस्म लगाए और हाथों में चिलम लिए नागा साधु संसार की मोह-माया को छोड़ निर्वस्त्र होकर महाकुंभ में अपनी धुनी जमाए हुए हैं. हरिद्वार के डामकोठी के पास गंगा किनारे 11 हजार रुद्राक्ष पहने रुद्राक्ष बाबा धूनी रमाए साधना में लीन हैं.
वहीं, बैरागी कैंप में सात किलो मोतियों की मालाएं पहने दयाल दास महाराज कुंभ में आकर्षण का केंद्र हैं. 11 हजार माला पहने रुद्राक्ष बाबा का नाम अजय गिरि महाराज है और वो निरंजनी अखाड़े के नागा संन्यासी हैं. जो लोक कल्याण और सुख-समृद्धि के लिए तप में जुटे हैं. उनका कहना है कि जिस स्थान पर भी कुंभ होता है, वो वहां पहुंचकर गंगा किनारे 11 हजार रुद्राक्ष धारण कर तप करते हैं. उनका तप पूरे अप्रैल तक निरंतर चलता रहेगा.