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चिन्मयानंद गिरफ्तारी: संत समाज में किसी ने बताया साजिश, तो किसी ने कानून पर जताया भरोसा

यौन शोषण केस में पूर्व केंद्रीय मंत्री स्वामी चिन्मयानंद को गिरफ्तार कर लिया गया है. यूपी की स्पेशल इन्वेस्टीगेशन टीम (एसआईटी) ने चिन्मयानंद को शाहजहांपुर से ही गिरफ्तार किया. अदालत ने उन्हें 14 दिनों की न्यायिक हिरासत में भेज दिया है.

संत समाज की प्रतिक्रिया

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Published : Sep 20, 2019, 5:20 PM IST

Updated : Sep 21, 2019, 1:13 PM IST

हरिद्वार:यौन शोषण मामले में फंसे पूर्व गृह राज्य मंत्री स्वामी चिन्मयानंद को स्पेशल इन्वेस्टिगेशन टीम (एसआईटी) ने शाहजहांपुर से गिरफ्तार कर लिया है. चिन्मयानंद की गिरफ्तारी पर हरिद्वार से संत समाज की अलग-अलग प्रतिक्रिया आ रही है. कई संतों का कहना है कि अगर इस मामले में स्वामी चिन्मयानंद दोषी पाए जाते हैं तो उनपर सख्त कार्रवाई की जाए, लेकिन कुछ संतों ने अपना आक्रोश करते हुए कहा कि उन्हें (संतों) को बदनाम करने के लिए कई तरह की साजिशें रची जाती है.

चिन्मयानंद की गिरफ्तारी पर संत समाज की प्रतिक्रिया.

स्वामी चिन्मयानंद की गिरफ्तारी पर उदासीन पंचायती बड़े अखाड़े के महामंडलेश्वर स्वामी कपिल मुनि का कहना है इस तरह के मामले पहले भी होते आए हैं, लेकिन मगर उस वक्त मीडिया इतनी जागृत नहीं थी. कुछ मामले तो सही पाए जाते हैं, लेकिन कुछ दुर्भावनावश किए जाते हैं.

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कपिल मुनि ने कहा कि यह जांच का विषय है कि स्वामी चिन्मयानंद मामले में कितनी सच्चाई है. अगर उन्होंने कुछ गलत किया है तो उनके ऊपर सख्त कार्रवाई होनी चाहिए और पूरा संत समाज उनकी निंदा करेगा. अभी स्वामी चिन्मयानंद के खिलाफ सुप्रीम कोर्ट की निगरानी में कानूनी कार्रवाई चल रही है. भारतीय न्याय व्यवस्था पर हमें पूरा विश्वास है. कोर्ट का जो भी फैसला होगा सही होगा. संतों पर इस तरह के आरोप लगने शर्म की बात है. कानून सबके लिए बराबर है चाहे उन्होंने लाल वस्त्र पहने हो या सफेद उनको दंड अवश्य मिलना चाहिए.

निर्मल पंचायती अखाड़े के कोठारी महंत जसविंदर सिंह का कहना है कि अगर स्वामी चिन्मयानंद पर कोई गलत आरोप लगाए जा रहे तो यह गलत है. यह संत समाज के लिए बहुत बड़ा धब्बा है. अगर उनके द्वारा गलत काम किया गया है तो उनके खिलाफ सख्त कार्रवाई होनी चाहिए. इससे अन्य संतों को भी सीख मिलेगी. यदी उन्हें फसाया जा रहा तो बहुत ही निंदनीय है. इससे संतों की छवि धूमिल हो रही है. हम इस मामले के लिए सीबीआई जांच की मांग करते हैं. जांच के बाद ही पता चलेगा आखिर वास्तव में मामला क्या है. क्योंकि संत समाज को बदनाम करने की भी बहुत साजिशें रची जा रही है.

महानिर्वाणी अखाड़े के महंत अनूप गिरी का कहना है कि पैसों के लिए कई अराजक तत्व साधु संतों पर लालछन लगाते है. यह निंदनीय है. अमर्यादित काम को कोई भी संत नहीं करेगा. अभी उनके ऊपर आरोप लगाए गए हैं, वह सिद्ध नहीं हुए है. जब तक इसकी जांच पूरी ना हो जाए कुछ भी कहना सही नहीं है कानून इसमें अपना काम करेगा.

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जूना अखाड़े के महामंडलेश्वर स्वामी प्रबोधा नंद गिरी का कहना है कि स्वामी चिन्मयानंद को एक षड्यंत्र के तहत यह फंसाया गया है. साधु-संतों को बदनाम करने और माननीय लोगों को अपमानित करने के लिए ये सब किया जा रहा है. चिन्मयानंद का जो वीडियो वायरल हो रहा है उसमें वो नंग अवस्था में है. सन्यासी तो नग्न होता ही है.

बता दें कि लॉ की एक छात्रा ने पूर्व केंद्रीय मंत्री स्वामी चिन्मयानंद पर यौन शोषण का आरोप लगाया है. इससे जुड़ा एक वीडियो भी सोशल मीडिया पर वायरल हो रहा है. इन आरोपों के सिलसिले में पिछले शुक्रवार को SIT की टीम ने करीब 7 घंटे तक स्वामी चिन्मयानंद से पूछताछ की थी. स्वामी चिन्मयानंद से पुलिस लाइन में स्थित एसआईटी के दफ्तर में पूछताछ की गई थी. शुक्रवार को उन्हें इस मामले में गिरफ्तार कर लिया गया.

Last Updated : Sep 21, 2019, 1:13 PM IST

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