देहरादून/हरिद्वार: पृथक राज्य की मांग को लेकर बस से दिल्ली जा रहे आंदोलनकारियों के साथ दो अक्टूबर को रामपुर तिराहा में दर्दनाक घटना घटी थी. उस घटना को याद कर आज भी राज्य आंदोलनकारी सिहर उठते हैं. उत्तराखंड राज्य आंदोलन में अहम दिन पर आज शहीदों को याद किया गया. इस मौके पर शहीदों के सम्मान में साइकिल यात्रा निकाली गई. 'शहीद सम्मान यात्रा' को उत्तराखंड राज्य आंदोलन में बढ़ चढ़ कर हिस्सा लेने वाली वरिष्ट राज्य आंदोलनकारी सुशीला बलूनी ने हरी झंडी दिखा कर रवाना किया. इस मौके पर उत्तराखंड राज्य आंदोलनकारी प्रदीप कुकरेती सहित अन्य लोग भी उपस्थित रहे. उन्होंने रवानगी से पूर्व उत्तराखंड आंदोलन में मातृ शक्ति की भूमिका और आंदोलनकारियों के साथ हुई बर्बरता का उल्लेख किया.
सुशीला बलूनी ने कहा उत्तराखंड के शहीदों को यही बड़ी श्रद्धांजलि होगी कि नयी पीढ़ी शुद्ध भाव से राज्य की कमान अपने हाथ लेने आगे आये. युवाओं से बड़ी उम्मीद है और वही राज्य की किस्मत बदल सकते हैं. उन्होंने राज्य आंदोलन के दौर को याद करते हुए आंदोलनकारियों की लक्ष्य हासिल करने मरने-जीने की जिद्द को रेखांकित किया और मौजूदा वक्त में उसी जज़्बे की जरूरत की कामना की.
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'हस्तक्षेप' संगठन और 'मैत्री एडवेंचर क्लब' की संयुक्त साझेदारी ने 'शहीद सम्मान यात्रा' को प्रवासी-निवासी एकजुटता और संवेदनशीलता से गहरे रेखांकित किया. 'हस्तक्षेप' के संस्थापक केशरसिंह बिष्ट और 'मैत्री एडवेंचर क्लब' के सुधीर बडोनी व खेल की दुनिया के प्रखर चेहरे विमल डबराल ने 'शहीद समान यात्रा' को भावनाओं में गढ़ कर सामाजिक संकल्प शक्ति को नया मुकाम दिया. साथ ही खेल की दुनिया का बड़ा नाम 'डेकेथलॉन' ने साइकिल सवारों को भेंट देकर हौंसला बढ़ाया.
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